कैबिनेट का फैसला: पुलिस को मिला व्यापक अधिकार, जब्त वाहन और खनिज होगा नीलाम
पटना (आससे)। सरकार ने बालू माफियाओं पर नकेल कसनं के लिए बिहार खनिज नियमावली 2019 में संशोधन किया है। सरकार ने पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखते हुए बिहार खनिज समानुदान अवैधा खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण संशोधन नियमावली 2021 को मंजूरी दी है। इस नियमावली में अवैधा खनन में लिप्त व्यकैतयों को दो साल की सजा का प्रावधान है। अवैध खनन परिवहन में लिप्त वाहनों को जब्त कर नीलाम किया जायेगा। सरकार ने जुर्माना की राशि 25 गुणा बढ़ा दिया है। अब नयी नियमावली आज से लागू हो गयी है।
अवैध खनन में लिप्त वाहनों को जब्त करने और चार लाख रुपये तक दंड की राशि के साथ खनिज स्वामित्व का 25 गुणा जुर्माना लेने का प्रावधान किया है। विगत एक माह से चल रही लगातार छापामारी से बालू के अवैध खनन कर्ताओं और उनके पैरवीकारों में अब हड़कंप मचना शुरू हो गया है। नया नियमावली में पुलिस को व्यापक अधिकार दिया गया है।
सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के तीत जल संरक्षण, नदियों की अविरलता और राज्य में हरा आवरण बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार का यह कदम कई मायने में अहम होगा। सरकार पर्यावरण की सुरक्षा के उद्देश्य से अवैध बालू खनन में लिप्त माफिया को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर कदम उठा रही है। पुलिस प्रशासन की लगातार छापामारी में भारी संख्या में अवैध परिवहन कर्ता पकड़ कर जेल भेजे गये हैं। बड़ी तादाद में भारी वाहन, पोकलेन मशीन जब्त की गयी है।
उल्लेखनीय है कि बालू खनन को लेकर जि एजेंसिंयों का बालू घाट का पट्टा दिया गया था उसकी मनमानी से विभाग परेशान था। एजेंसिंयों ने यह कहते हुए लीज सरेंडर कर दिया था कि इसमें पुलिस के रवैये के कारण परेशानी हो रही है। इसके बाद से एजेंसियों द्वारा रायल्टी देना भी बंद कर दिया गया था। इसके चलते सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अब सरकार नये सिरे से बालू घाटों की नीलामी करने जा रही है।





