पटना

पटना: अवैध बालू खनन मामले में डीएसपी के घर छापेमारी


शेयर और जमीन खरीद के कागजात मिले

(निज प्रतिनिधि)

पटना। बिहार में अवैध बालू कारोबार का एक बड़ा सिंडिकेट है। डीजीपी एस के सिंघल के आदेश पर आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैय्यर हसनैन खां ने 6 जिले में अतिगुप्त तकनीकी एवं जमीनी रूप से जांच कराया। इसमें भोजपुर और औरंगाबाद एसपी सहित चार डीजीपी ,एसडीओ, सीओ, कई थानाध्यक्ष के खिलाफ सबूत मिले। आर्थिक अपराध इकाई सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद एडीजी नैय्यर हसनैन खां के निर्देश पर गुरुवार को आरोपी सीनियर डीएसपी तनवीर अहमद के राजीवनगर-दीघा रोड स्थित अपार्टमेंट और बेतिया जिले के पैतृक आवास पर छापामारी किया। छापेमारी में ईओयू को आरोपी डीएसपी के घर से कई अहम सबूत मिले हैं। जिसका मूल्यांकन करने में ईओयू को लंबा समय लग रहा हैं।

आरोपी डीएसपी के निवास स्थान पटना और पैतृक निवास बेतिया में छापेमारी कर रही आर्थिक अपराध इकाई के टीम को कई शेयर और जमीन खरीद के कागजात मिले हैं। निलंबित सीनियर डीएसपी तनवीर अहमद का राजीवनगर-दीघा स्थित अपार्टमेंट में एक बड़ा फ्लैट है। वहीं बेतिया में खानदानी कृषि योग्य जमीन है। तनवीर अहमद ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर कई भू-खंड खरीदा है। ईओयू के इसका सबूत मिल गया है।

अवैध बालू कारोबार मामले में जुड़े लोकसेवकों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने कार्रवाई तेज कर दिया है। इस मामले के आरोपी पालीगंज के तत्कालीन डीएसपी तनवीर अहमद के निवास स्थानों पर छापमारी के बाद कई अहम सबूत मिले है। आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों की मानें तो डीएसपी तनवीर अहमद का बैंक अकाउंट और लॉकर फ्रीज़ कर दिया गया हैं । लॉकर में पटना के ज्वैलरी दुकान आभूषण खरीद की बातें सामने आयीं हैं ।

बिहार पुलिस सेवा के सीनियर डीएसपी तनवीर अहमद का 6 माह पहले बालू माफियाओं के गढ़ पालीगंज में पोस्टिंग हुई थी। लंबे समय से ऐसी चर्चा रही है की बालू माफियाओं का बड़ा गिरोह पुरे सिस्टम को मैनेज कर रखता है। इसमें नेता, पुलिस, अपराधी, सोशल एक्टिविस्ट सब मैनेज रहते है और सबको शेयर मिलता रहा है। जो इनके पार्ट का हिस्सा नहीं होता उनको झूठे केस में फंसाया जाता रहा है या फिर हत्या।