पटना (आससे)। बिहार पंचायत चुनाव 2021 में इस बार आशा वर्कर और पीडीएस दुकानदार भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि आशा कार्यकर्ता और पीडीएस भी मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड कमिश्नर सहित तमाम पदों पर चुनाव लड़ सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि आम लोगों की भांति आशा कार्यकर्ता और पीडीएस दुकानदार भी चुनाव लड़ सकते हैं। बशर्ते वो चुनाव लडऩे की योग्यता रखते हों। निर्वाचन आयोग के मुताबिक आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका न तो पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं और न ही किसी प्रत्याशी का प्रस्तावक बन सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक नामांकन भरते समय निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष में प्रत्याशी और उसके एक प्रस्तावक ही जा सकेंगे। नामांकन भरने और नाम वापसी लेने के लिए सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। साथ ही अगर किसी प्रत्याशी के नामांकन पत्र में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में निर्वाची पदाधिकारी अभ्यर्थी को त्रुटि या लिपिकीय त्रुटि दूर करने का मौका दे सकते हैं।
प्रत्याशियों के नामांकन के बाद यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो निर्वाची पदाधिकारी के पास अधिकार है कि वो नामांकन पत्र को रद्द कर सकता है। नामांकन पत्र को स्वीकृत और अस्वीकृत करने का अधिकार केवल निर्वाची पदाधिकारी को ही है। नामांकन वापस लेने के लिए प्रत्याशी को खुद ही निर्वाची पदाधिकारी के दफ्तर में आना होगा।