पटना

पटना: एंटीजन टेस्ट पॉजीटिव आने के बाद आरटीपीसीआर की जरूरत नहीं


पटना (आससे)। देश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार के मद्देनजर आईसीएमआर ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की है। आईसीएमआर ने आरटीपीसीआर टेस्टिंग की संख्या में हुयी वृद्धि से प्रयोगशालाओं पर अत्यधिक दबाब बढऩे की बात कही है। इसको लेकर आईसीएमआर ने कुछ जरुरी सलाह दिए हैं। आईसीएमआर ने कहा है कि एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट करने की जरूरत नहीं है।

साथ ही देश भर में एंटीजन टेस्ट के दायरे को भी बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देशभर में अत्यंत संक्रामक हो रही है। इसके कारण संक्रमित होने के बाद लोग कई बार आरटीपीसीआर टेस्ट भी करा रहे हैं। इसको लेकर आईसीएमआर ने कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपीट नहीं करने की सलाह दी है।

अभी तक दूसरे राज्य की यात्रा करने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट को अनिवार्य किया गया था लेकिन टेस्ट की संख्या में हुयी अचानक वृद्धि से प्रयोगशालाओं को सही समय पर रिपोर्ट देने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए आईसीएमआर ने स्वस्थ व्यक्ति के लिए दूसरे राज्य की यात्रा करने पर आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता को खत्म करने की सलाह दी है लेकिन यात्रा करने वाले लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार को सख्ती से अनुपालन करने की भी बात कही है।

साथ ही आईसीएमआर ने भी यह भी कहा है कि यदि किसी व्यक्ति में फ्लू के लक्षण हों तो वह यात्रा करने से परहेज करें।  गाइडलाइन्स में कहा गया है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की शुरुआत देश में पिछले साल जून के महीने में की गयी थी। अभी इसकी उपलब्धता कान्टमेंट जोन एवं स्वास्थ्य इकाईयों तक ही सीमित है। आईसीएमआर ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की उपलब्धता स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, कम्युनिटी सेंटर सहित अन्य उपलब्ध खाली जगहों पर सुनिश्चित करने की बात कही है।

इसे सरकारी अस्पताल के साथ अन्य प्राइवेट अस्पतालों में भी उपलब्ध कराने की सलाह दी है। साथ ही रैपिड एंटीजन डेडिकेटेड बूथ की स्थापना शहर, क़स्बा एवं गाँव में भी करने की बात कही है ताकि आम लोगों को आसानी से टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध हो सके।