पटना। कोरोना काल में पटना एम्स से एक राहत भरी खबर आयी है। अस्पताल के रेजिजेंट डॉक्टरों ने अपने प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया है। जिससे सरकार की मुश्किलें कम हो गयी। अभी-अभी आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर विनय ने हड़ताल पर नहीं जाने की घोषणा कर दिया। इस खबर से अस्पताल में इलाजरत मरीज और सरकार ने राहत की सांस ली है।
पटना एम्स के निदेशक ने रेजिडेन्ट डॉक्टरों को लिखित आश्वासन दिया है। इसके बाद ही इनलोगों ने प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित कर दिया। निदेशक ने 8 दिनों की बजाए 5 दिनों की पोस्ट कोविड ऑफ देने का लिखित आश्वासन दिया है। लिखित आश्वासन के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल पर नहीं जाने की घोषणा की है।
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थी। डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित होने पर बेड न मिलने का आरोप लगाते हुए एम्स में कम से कम 20 बेड रिजर्व करने और 8 दिनों का ऑफ की मांग की थी। मांग नहीं पूरी होने पर 24 मई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी।
हड़ताल पर जाने की घोषणा करते हुए आरडीए अध्यक्ष डॉक्टर विनय ने कहा था कि रेजिडेंट डॉक्टर दिन-रात कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हैं। ऐसे में यदि वे कहीं खुद कोरोना संक्रमित हो गए तो उन्हें समुचित इलाज मिलना चाहिए। लेकिन कई बार बेड मिलने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में सरकार को एम्स पटना में रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए कम से कम 20 बेड रिजर्व करने चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि मांग नहीं मानी गई तो 24 मई से सभी रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने सरकार से कोविड ड्यूटी के बाद आठ दिन ऑफ दिए जाने की भी मांग की थी।