पटना

बिहार में ब्लैक फंगस का चौंकाने वाला केस


न स्टेरॉयड लिया, न ऑक्सीजन सपोर्ट, फिर भी 2 दिन की तकलीफ में रोशनी गयी और आंख बाहर आने लगी

पटना (आससे)। बिहार के आरा जिले के एक गांव में 40 साल की महिला को 20 दिन पहले बुखार आया और वह गांव के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ठीक हो गई। न कोरोना की जांच हुई और न ही कोई परेशानी हुई, जिससे उसे हॉस्पिटल जाना पड़े। लेकिन दो दिन बाद महिला के आधे चेहरे पर दर्द शुरू हुआ। फिर दर्द वाली लेफ्ट आंख रोशनी जाने के साथ बाहर आने लगी। इस मामले से डॉक्टर भी चौंक गए हैं। शुक्रवार को महिला का सीटी स्कैन कराया तो ब्लैक फंगस डिटेक्ट हुआ। इसके बाद महिला को पटना एम्स रेफर कर दिया गया।

आरा के कौशल्या समय हॉस्पिटल में महिला का इलाज करने वाले न्यूरो फिजिशियन डॉ. अखिलेश सिंह का कहना है कि वह इस केस से खुद हैरान हैं। महिला की कोई ऐसी हिस्ट्री नहीं है, जिससे ब्लैक फंगस को लेकर आशंका होती। पीडि़त संगीता देवी के मुताबिक उन्हें कोई बीमारी भी नहीं थी।

डॉ. अखिलेश के मुताबिक महिला ने बताया कि दो दिनों के अंदर ही उसकी आंख की रोशनी चली गई। पहले रोशनी गई, फिर आंख बाहर आ गई। डॉक्टर का कहना है कि महिला की हिस्ट्री और इस लक्षण से थोड़ा फंगस का संदेह हुआ तो सीटी स्कैन की सलाह दी गई। महिला ने पटना में सीटी स्कैन कराया तब फंगस का पता चला।

डॉ. अखिलेश सिंह का कहना है कि अगर कोरोना संक्रमित हैं या फिर कोरोना से ठीक हुए हैं तो काफी सावधानी बरतनी होगी। डॉक्टर्स के संपर्क में रहना होगा और बचाव के उपाय करते रहने होंगे, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी नहीं आए। अगर कोई शुगर और ब्लड प्रेशर के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से परेशान है तो वह विशेष ध्यान दे। खान-पान और एक्सरसाइज को लेकर सावधानी बरतनी होगी।

कोरोना या किसी और बीमारी के बिना भी ब्लैक फंगस जैसे लक्षण आने को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना होने पर भी कभी-कभी लक्षण नहीं आते हैं। ऐसे मरीजों को खतरा होता है। इस वजह से अब कोई भी लक्षण सामने आता है तो पहले डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं। शुरुआती दौर में बीमारी का पता लगने से इलाज आसान हो जाता है।