पटना। पटना एयरपोर्ट पर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से कामकाज पर असर पड़ने लगा है। लगभग दो दर्जन कर्मी अभी संक्रमण से जूझ रहे हैं और तीन की हालत गंभीर है। कुछ कर्मी निजी अस्पतालों पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। संक्रमण की चपेट में आने वाले कर्मियों की संख्या अग्निशमन विभाग में है लेकिन एटीसी, सिविल इंजीनयरिंग व अन्य कई विभागों के लगभग 15 से अधिक कर्मी होम आइसोलेशन में है।
लगभग आधे दर्जन कर्मी रिकवर भी हो गए हैं कि कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरनाक होने की वजह से वे काफी कमजोर हैं और अब तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर सके हैं। इधर विमानन कंपनियों के प्रतिनिधि भी कोरोना की चपेट में आए हैं। एयरपोर्ट पर एक विमानन कंपनी के स्टेशन हेड पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के शिकार हुए।
हालांकि पिछले एक हफ्ते में उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ है। चिकित्सीय सलाह लेकर वे अब भी होम आइसोलेशन पर ही हैं। अन्य कई विमानन कर्मियों के ग्राउंड स्टाफ भी इस संक्रमण की चपेट में आए हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन पर भेज दिया गया है। एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा अब संक्रमित कर्मियों के अद्यतन आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
पटना एयरपोर्ट और शहर में पर बढ़े संक्रमण का असर विमान सेवाओं पर जारी है। पिछले दो दिनों में विमानों की संख्या में और कमी आई है। छह अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार शेड्यूल में शामिल 96 विमानों में मात्र 63 विमान ही पटना एयरपोर्ट पर आए। 33 विमानों की कम आवाजाही के पीछे भले ही यात्रियों के संक्रमित होने की बात कही जा रही है लेकिन विमान कर्मियों के संक्रमित होने की वजह से भी विमानों को कई बार रद्द करना पड़ रहा है।
एयरपोर्ट परिसरों में भले ही सख्ती जारी है लेकिन विमानों में सीटों की बुकिंग में अब भी सामाजिक दूरी का नियम पालन नहीं होता। इस बाबत प्रशासनिक सख्ती भी नहीं की गई है इस वजह से विमानन कंपनियों की ओर से सभी सीटों की बुकिंग की जा रही है। जबकि सड़क परिवहन व अन्य माध्यमों में यात्री क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत सीटों की बुकिंग की जा रही है।