अहमदाबाद जाकर मोदी के करीबी नेता से की मुलाकात
पटना (आससे)। इधर दो-फाड़ हो चुकी लोक जनशक्ति पार्टी में सियासी घमासान मचा है तो उधर चिराग पासवान ने अचानक गुजरात जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी नेता से मुलाकात की है। इस मुलाकात के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। हालांकि, चिराग ने इसे निजी बताया है। खास बात यह है कि एलजेपी के संकट के दौर में भारतीय जनता पार्टी की चुप्पी से आहत चिराग ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा था कि उम्मीद है कि राम (नरेंद्र मोदी) अपने हनुमान (चिराग पासवान) का वध होता नहीं देखेंगे।
एलजेपी के मचे घमासान के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नेता से मुलाकात के पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट पर चिराग मीडिया के सवालों का सीधा जवाब देने से बचते दिखे। यह पूछने पर कि क्या वे एक बीजेपी नेता से मिलकर आपनी बात रखने आए हैं, चिराग ने कहा कि यह उनका निजी दौरा है।
विदित हो कि चिराग पासवान ने बीते मंगलवार को कहा था कि बीजेपी के साथ उनके संबंध एकतरफा नहीं हो सकते हैं। उन्होंने यह कहकर कई सियासी कयासों को भी हवा दे दी कि यदि उन्हें घेरने की ऐसी ही कोशिशें जारी रहीं तो वे भविष्य की अपनी राजनीतिक संभावनाओं पर विचार करेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की ओर से तेजस्वी यादव ने चिराग को अपने पाले में करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हालांकि, चिराग ने पीएम मोदी से उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने बीजेपी को यह भी याद दिलाया है कि उनके पिता रामविलास पासवान और वे हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ ‘चट्टान’ की तरह खड़े रहे हैं।
माना जा रहा है कि चिराग पासवान एलजेपी पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं और पीएम मोदी के करीबी नेता से इस मुलाकात में इसकी चर्चा जरूर हुई होगी। इस बीच चिराग को अपने पाले में करने की आरजेडी की कोशिश से बीजेपी में बेचैनी दिखने लगी है। आरजेडी की रामविलास पासवान की जयंती मनाने की घोषणा पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि रामविलास पासवान जैसा व्यक्ति होना मुश्किल है। वे हमेशा आम लोगों की मदद करते रहे। मंगल पांडेय ने आगे कहा कि उन्हें रामविलास पासवान का व्यक्तिगत सानिध्य मिला है। उनकी जयंती में राजनीतिक लाभ नहीं देखना चाहिए।