पटना

पटना की सडक़ों पर शीघ्र दिखेंगी इलेक्ट्रिक बसें


फुलवारी शरीफ। बिहार की सडक़ों पर डीजल से चलनेवाली बसों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक से चलनेवाली बसें भी अब दिखेंगी। जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। 8 बसें पटना के फुलवारीशरीफ पहुंच भी चुकी है। एक घंटा में रिचार्ज, 250 किलोमीटर सफर। इलेक्ट्रिक बसें एक घंटा में रिचार्ज हो जाएंगी और बिना रोक-टोक के ढाई सौ किलोमीटर तक चल सकती है। फिलहाल इसे पटना से राजगीर होते हुए बिहारशरीफ और पटना से हाजीपुर होते हुए मुजफ्फरपुर तक चलाया जाएगा।

अगर ये सफल रहा तो बाकी जिलों को भी इलेक्ट्रिक बस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा। इन बसों की सबसे खास बात ये है कि इनका किराया सामान्य बसों से कम होगा। इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने के बाद 6 घंटे तक सफर कर पाएगी। इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के बाद हाजीपुर और पटना के बीच सीएनजी बसें चलाने की भी तैयारी है। सीएनजी बसों का परिचालन शुरुआत में जेपी सेतु होते हुए हाजीपुर से पटना तक की जाएगी।

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम इन बसों की खरीदारी कर रहा है। पटना में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 21 होगी, वहीं मुजफ्फरपुर और बिहार शरीफ में दो-दो बसों का परिचालन होगा। राजधानी पहुंच चुकी 8 बसों का रजिस्ट्रेशन और परमिट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सभी बसें परिवहन विभाग के फुलवारीशरीफ डिपो में लगी है। बाकी बसें राजस्थान के अलवर से मार्च के दूसरे सप्ताह तक आने की संभावना है। फुलवारीशरीफ डिपो में एक साथ आठ इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए आधा एकड़ जमीन पर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।

एक घंटे के अंदर बस फुल चार्ज हो जाएगी और इससे करीब 250 किलोमीटर चलेगी। उम्मीद है कि मार्च के पहले सप्ताह में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत कर दी जाएगी। मगर डीजल बसों से इलेक्ट्रिक बसें ज्यादा अधिक अरामदायक है। वातानुकूलित, जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन, आईटीएस डिसप्ले, वैरियेबल मैसेज डिसप्ले, आपातकालीन बटन, इमरजेंसी हैमर, हाइड्रोलिक पावर स्टीयरिंग जैसी कई आधुनिक सुविधाएं इलेक्ट्रिक बस में दी गई है। इसमें 25 सीट पैसेंजर के लिए है। दिव्यांगों की व्हील चेयर खड़ी करने के लिए भी जगह दी गई है। दिव्यांगों के लिए हाइड्रोलिक रैंप की भी सुविधा है।