पटना (आससे)। मंत्री कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग विभाग, बिहार अमरेन्द्र प्रतापसिंह द्वारा विकास भवन, नया सचिवालय, पटना अवस्थित कृषि विभाग के सभागार में कृषि विभाग के अंतर्गत कृषि विपणन की व्यवस्था के लिए बिहार कृषि उत्पादन मूल्य संवद्र्धन प्रणाली (बावास), माप एवं तौल संभाग की गतिविधियों, ऑनलाइन उपादानों की अनुज्ञप्ति की प्रक्रिया तथा बामेती की गतिविधियों की समीक्षा की गयी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा बिहार राज्य कृषि विपणन पर्षद को २००६ में निरस्त कर दिया गया था। इसका मुख्य कारण कृषि विपणन पर्षद निगम के तहत बाजार समिति के आच्छादित होने वाले सभी कृषि उत्पादों को मंडी ेमं लाकर बेचने की बाध्यता थी। राज्य में छोटे एवं सीमांत किसानों को इससे काफी कठिनाई होती थी। भारत सरकार के नये कृषि कानून के अनुसार अब कोई भी किसान कहीं भी अपने कृषि उत्पाद बेच सकता है।
कृषि विपणन के सुदृढ़ीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा बावास सेल का गठन किया गया है। यह सेल भारत सरकार के ई-नाम योजना को क्रियान्वित करने के लिए दृढ़संकल्पित है। ई-नाम से जुडऩे के लिए डिजिटल इंटरप्रेटेड कृषि बाजार नेटवर्क बनाने की आवश्यकता होगी, जिसे तत्काल राज्य के १० हजार समितियों (विघटित) में क्रियान्वित करने की योजना है। इसके साथ ही २२ बाजार प्रांगणों के जीर्णोद्धार एवं निर्माण कार्य योजना स्वीकृत की गयी है, जिसमें दरभंगा एवं बिहारशरीफ के कार्य प्रारंभ हो चुका है।
कृषि मंत्री ने कहा कि माप एवं तौल संभाग द्वारा राज्य के व्यवसायियों को सहुलियत प्रदान करने के लिए माप-तौल उपकरणों के सत्यापन-मुहरांकन करने के कार्य में जमा किये जाने वाला शुल्क को ऑनलाइन के माध्यम से जमा करनेकी सुविधा शुरू की गयी है। पहले यह शुल्क चालान के माध्यम से जमा किया जाता था। साथ ही सरकार ने यह निर्णय लिया है कि ०१ जनवरी २०२१ से नगद राशि जमा करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जायेगी और सारा कार्या ऑनलाइन होगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने माप एवं तौल संभाग के लिए स्वतंत्र सेन्टर की स्थापना करने का निदेश दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य में सभी प्रकार के उपादानों यथा बीज, उर्वरक, कीटनाशी के अनुज्ञप्ति प्राप्त करनेके लिए प्रक्रिया ऑनलाइन किया गया है। अनुज्ञप्ति के लिए राशि जमा करने हेतु ई-चलान की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है।
बामेती की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि किसान पुरस्कार की प्रक्रिया में वास्तविक किसान को ही किसान साम्मान एवं किसान पुरस्कार मिले। उनके द्वारा बामेती में पदाधिकारियों, कर्मचारियों के प्रशिक्षण को स्वयं भी देखने की इच्छा व्यक्त की गयी।
इस समीक्षात्मक बैठक में डॉ. एन. सरवण कुमार, सचिव विभाग, आदेश तितरमारे, कृषि निदेशक, बिजय कुमार, विशेष सचिव, अनिल कुमार मंत्री के आप्त सचिव सहित अन्य विभागीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।