पटना

पटना: जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में होंगे बदलाव


बनेगा पांच वर्षों का मास्टर प्लान, तय होंगी वार्षिक योजनाएं

      • सेवापूर्व व सेवाकालीन प्रशिक्षण में गुणवत्ता सुधार की बनेगी योजना

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में सांस्थनिक बदलाव होंगे। इसके लिए पांच वर्षों का मास्टर प्लान बनेगा। शिक्षा विभाग और अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वैच्छिक संस्था ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ के बीच हुए करार (एमओयू) के तहत पांच वर्षों के लिए बनने वाले मास्टर प्लान के अनुरूप जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों की वार्षिक योजनाएं तय होंगी। शिक्षकों के क्षमता संवद्र्धन के लिए प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा अपने सेवा-पूर्व तथा सेवाकालीन प्रशिक्षणों की गुणवत्ता में सुधार की योजना बनेगी। शाला परिसर सुधार कार्य के तहत प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से जुड़े एक-दो विद्यालयों के परिसर को बेहतर बनाने की योजना बनेगी।

कार्यक्रम शुरू होने के पहले ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ और अनुसंधान एवं प्रशिक्षण निदेशक की सहमति से एक आधाररेखा सर्वेक्षण और वार्षिक आकलन के लिए संकेतक विकसित करने पर काम शुरू होगा। प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में एक व्यक्ति के अलावा विद्यालय परिसर सुधार के लिए दो सदस्यों और एक टीम लीडर सहित 15 सदस्यों की तैनाती होगी। करार के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की सांस्थनिक क्षमता संवद्र्धन में ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ द्वारा सहयोग किया जाना है।

इसके लिए संस्थानों में संसाधनों के प्रबंधन, शिक्षकों में क्षमता संवद्र्धन और शाला परिसरों के उन्नयन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास होगा। ‘ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल’ अनुसंधान एवं प्रशिक्षण निदेशक के सहयोग से यह परियोजना लागू करेगी। इसके तहत 12 चिन्हित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के साथ मिल कर काम करना तय हुआ है। प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के कायांतरण में प्राचार्य और संकाय सदस्यों की जवाबदेही बढग़ी। सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में शिक्षक परिषद के सदस्यों को उनकी योजनाओं को कार्यान्वित करने में सहयोग करना तय हुआ है।

ह्यूमाना पिपुल टू पिपुल इंडिया 1998 से ग्रामीण एवं शहरी भारत में हाशिए के समाज के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में सक्रिय है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सामुदायिक विकास एवं पर्यावरण संरक्षण इसके मुख्य क्षेत्र हैं। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने, पर्यावरणीय सुधार और ज्ञान एवं कौशल के हस्तांतरण में सहयोग कर लोगों के लिए बेहतर जीवन के टिकाऊ विकल्प  तैयार करने में विश्वास करती है। इसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के साझेदारों के साथ मिल कर देश भर में 160 से अधिक परियोजनाओं को लागू किया है।