पटना

पटना: पढ़ाई और परीक्षा से ज्यादा जरूरी बच्चों की सुरक्षा


स्कूल-कॉलेज-यूनिवर्सिटी बंद रहने से करोड़ों छात्र-छात्राओं को राहत

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में कोरोनाकाल में बच्चों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी हो गयी है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर ही शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई और परीक्षा बंद है। मम्मी-पापा एवं परिवार के दूसरे सदस्य बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे। कोरोना पीडि़त परिवारों में तो बच्चे होम आइसोलेशन की जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे परिवारों के बच्चों की बात तो छोड़ दें, उनके  मम्मी-पापा ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि उन्हें यह दिन भी देखने पड़ेंगे।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर ही राज्य सरकार द्वारा स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित तमाम शिक्षण संस्थान  तीन अप्रैल को ही बंद करने का फैसला लिया गया। उस दिन शनिवार था। उसके अगले दिन रविवार की छुट्टी थी। और, सोमवार यानी पांच अप्रैल से राज्य के स्कूल-कॉलज एवं कोचिंग सहित तमाम शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई बंद है। स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक की परीक्षाएं भी स्थगित हैं। स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित तमाम शिक्षण संस्थान फिलहाल 15 मई तक पढ़ाई और परीक्षा के लिए बंद हैं।

यहां राजधानी पटना की ही बात करें, तो संक्रमण वाले ज्यादातर घरों में बच्चे भी संक्रमित हैं। ऐसे बच्चों में स्कूल से लेकर कॉलेज-यूनिवर्सिटी तक के छात्र-छात्राएं हैं। ऐसे बच्चे भी अपने  घर-परिवार के संक्रमित सदस्यों के साथ होम आइसोलेशन में हैं। जिन घर-परिवारों में बड़े सदस्य संक्रमित हैं, लेकिन बच्चे बचे हुए हैं, वहां उनकी भी स्थिति होम आइसोलेशन जैसी ही है। हालांकि, ऐसे भी परिवार हैं जिसमें मम्मी-पापा या दूसरे बड़े सदस्यों के साथ सभी बच्चे संक्रमित नहीं हैं। ऐसे परिवारों में भी संक्रमण से बचे होने के बाद भी बच्चों पर होम आइसोलेशन का असर तो है ही।

इससे इतर संक्रमण से मुक्त घर-परिवारों में भी सुरक्षा की दृष्टिï से मम्मी-पापा बच्चों को घर से बाहर कदम नहीं रखने दे रहे। मम्मी-पापा इस बात को लेकर भयभीत हैं कि कहीं बच्चे संक्रमित न हो जायें। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। बच्चों को घर से बाहर निकलने की मनाही तो है ही, छत पर जाने की इजाजत भी नहीं है। बच्चों का रुटीन पूरी तरह से बदला हुआ है। बहुत हुआ, तो फोन पर दोस्तों से बात हो जाती है।

पढ़ाई और परीक्षा बंद रहने से से राज्य के एक लाख स्कूलों,1184 कॉलेजों एवं 19 विश्वविद्यालयों सहित प्राइवेट विश्वविद्यालयों, आईआईटी एवं एनआईटी के साथ इंजीनियरिंग एवं पोलिटेक्निक कॉलेजों के तकरीबन तीन करोड़ छात्र-छात्राओं को सुरक्षा की दृष्टि से राहत मिली हुई है।

आपको याद दिला दूं कि सूबे के एक लाख स्कूलों में तकरीबन 80 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें 43 हजार स्कूल 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई वाले हैं, तो 29 हजार स्कूल 1ली से 8वीं कक्षा की पढ़ाई वाले। बच गये आठ हजार स्कूल, तो इनमें 9वीं से 10वीं एवं 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले स्कूल हैं। इसके साथ ही 72 सहायता प्राप्त गैरसरकारी (अल्पसंख्यक सहित) माध्यमिक विद्यालय हैं, तो 108 सहायता प्राप्त गैरसरकारी (अल्पसंख्यक सहित) माध्यमिक विद्यालय। 715 प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय भी चल रहे हैं, जिन्हें सरकार के उनके छात्र-छात्राओं के मैट्रिक के रिजल्ट के आधार पर अनुदान देती है।

इसी प्रकार राज्य में सरकार द्वारा अनुदानित मदरसे एवं संस्कृत विद्यालय भी चल रहे हैं। सरकारी एवं अनुदानित विद्यालयों से इतर जिलों में आरटीई के तहत रजिस्टर्ड 1ली से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले प्राइवेट स्कूलों की संख्या भी तकरीबन 10 हजार के आसपास है। इनमें 10वीं एवं 12वीं कक्षा की पढ़ाई वाले प्राइवेट स्कूल भी शामिल हैं। स्कूलों से इतर राज्य में तकरीबन 1184 कॉलेज हैं। इनमें तकरीबन 599 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं। इंटरमीडिएट की पढ़ाई वाले कॉलेजों में 11वीं एवं 12वीं कक्षा की पढ़ाई की व्यवस्था है। बाकी 585 डिग्री कॉलेज हैं, जिसमें स्नातक स्तर की पढ़ाई होती है।

ये सभी कॉलेज 13 पारम्परिक विश्वविद्यालयों के अधीन चल रहे हैं। इनमें 260 अंगीभूत कॉलेज हैं, जबकि बाकी 325 सम्बद्ध डिग्री कॉलेज। पारम्परिक विश्वविद्यालयों में पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर, मुंगेर विश्वविद्यालय तथा मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इसके अलावे प्रदेश में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित नालंदा खुला विश्वविद्यालय, चाणक्या विधि विश्वविद्यालय, आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय एवं यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा हैं। कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी चल रहे हैं। आईआईटी एवं एनआईटी के साथ इंजीनियरिंग एवं पोलिटेक्निक कॉलेज भी हैं।