पटना

पटना: पहले कैंपस विसंक्रमित होंगे, फिर 12 से होगी पढ़ाई


11वीं और ऊपर की कक्षाओं को खोलने की तैयारी

      • हर दिन 50 फीसदी शिक्षार्थी ही आयेंगे, दो पाली में चलेंगे ज्यादा नामांकन वाले शिक्षण संस्थान
      • कक्षा में छह फीट की दूरी पर होगी बैठने की व्यवस्था, परिसर में प्रवेश के लिए मास्क अनिवार्य
      • नये कक्षा में नामांकन के समय अभिभावक ही आयेंगे, बाहरी वेंडर को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में 10 कक्षा के ऊपर की पढ़ाई के लिए शिक्षण संस्थानों को पढ़ाई के लिए खोलने की तैयारी 12 जुलाई के पहले पूरी की जायेगी। इसके लिए कैम्पस पूरी तरह से विसंक्रमित किये जायेंगे। 11वीं एवं 12वीं  कक्षा के साथ ही कॉलेज-यूनिवर्सिटी में 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ 12 जुलाई से शुरू होने वाली पढ़ाई में छात्र-छात्रा कक्षा में छह फीट की दूरी पर बैठेंगे। बाकी 50 फीसदी छात्र-छात्रा अगले दिन आयेंगे। यही व्यवस्था क्रमबद्धता में चलेगी।

अधिक नामांकन वाले शिक्षण संस्थान दो पाली में चलेंगे। छात्र-छात्राओं सहित सभी कोटि के शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क या फेस कवर अनिवार्य होगा। 12 जुलाई से विश्वविद्यालय, सभी प्रकार के कॉलेज एवं तकनीकी शिक्षण संस्थान तथा 11वीं-12वीं तक विद्यालयों में कुल छात्र संख्या की 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार द्वारा मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, जिलाधिकारियों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देश में कहा गया गया है कि ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण व्यवस्था को प्राथमिकता दी जायेगी एवं शैक्षणिक संस्थानों के वयस्क छात्र-छात्राओं, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को कोविड-19 का टीका लेना सुनिश्चित करेंगे।


बसें हर दिन दो बार सेनेटाइज होंगी

पटना (आशिप्र)। शिक्षण संस्थानों की बसें हर दिन दो बार सेनेटाइज होंगी। एक बार छात्र-छात्राओं के लाने के पहले और दूसरी बार उन्हें पहुंचाने के पूर्व।  बस के चालक एवं उपचालक सभी समय सामाजिक एवं भौतिक दूरी बनाये रखेंगे। छह फीट की दूरी के अनुपालन के लिए यदि आवश्यक हो, तो अतिरिक्त बस लगाये जायेंगे। छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। बगैर मास्क के बस में बैठने की अनुमति नहीं होगी। खिड़कियों में पर्दा नहीं होगा। सभी खिड़कियां खुली रहेंगी।

वातानुकूलित बसों के लिए सीपीडब्लूडी द्वारा निर्गत गाइडलाइन के अनुसार 24 से 30 डिग्री सेल्सियस एवं सापेक्ष आद्रता 40 से 70 प्रतिशत होगी। विद्यार्थियों को अनावश्यक रूप से सतह छूने से बचने को कहा जायेगा।   


संबंधित शिक्षण संस्थानों को खोलने के पहले तैयारी की जायेगी। कैंपस एवं सभी भवन की कक्षाओं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई होगी। उसे विसंक्रमित किया जायेगा। हाथ सफाई की सुविधा क्रियाशील रहेगी। डिजिटल थर्मोमीटर, सेनेटाइजर, साबुन की व्यवस्था होगी। परिवहन व्यवस्था प्रारंभ किये जाने के पूर्व सेनेटाइजेशन होगा। आकस्मिक सुरक्षात्मक संबंध तैयारी के लिए उत्तरदायी टीम गठित होगी।

कक्षाओं के साथ ही स्टाफ रूम, ऑफिस एवं आगत कक्ष में भी छह फीट पर बैठने की व्यवस्था रहेगी। आते-जाते समय छात्र-छात्रा मुख्य गेट से क्रमवार आयेंगे-जायेंगे। गेट को खुला रखा जायेगा, ताकि भीड़ नहीं लगे। अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जायेगा।


1ली से 10वीं में 50 फीसदी शिक्षक-कर्मी ही आयेंगे

पटना (आशिप्र)। स्कूलों में 1ली से 10वीं कक्षा की पढ़ाई अभी बंद ही रहेगी। लेकिन, शिक्षक-कर्मी हर दिन 50 फीसदी उपस्थिति के साथ आयेंगे। यह निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार के हस्ताक्षर से मंगलवार को जारी गाइडलाइन में दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता से बचाव को लेकर राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान गत पांच अप्रैल से ही बंद कर दिये गये।

उसके बाद पांच मई से लॉकडाउन शुरू हुआ, जिसकी 15 मई तक की अवधि पहले 25 मई तक, फिर 31 मई तक और उसके बाद आठ जून तक बढ़ायी गयी। उसके बाद कतिपय शर्तों के साथ नौ जून से 15 जून तक अनलॉक-वन एवं 16 जून से 22 जून तक अनलॉक-टू रहा। 23 जून से अनलॉक-थ्री चल रहा है, जिसकी मियाद मंगलवार को पूरी हो गयी। बुधवार से अनलॉक-चार शुरू हो रहा है।


आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केंद्र एवं टॉयलेट के बाहर जमीन पर वृताकार चिन्ह छह फीट की दूरी पर निशान बनाया जायेगा। वर्गकक्ष का आकार छोटा होने की स्थिति में कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला आदि का भी उपयोग किया जायेगा। कोशिश होगी कि अभिभावक-शिक्षक बैठक वर्चुअल हो। नये कक्षा में नामांकन के समय केवल अभिभावक ही आयेंगे। इससे बच्चे मुक्त रहेंगे। चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।

बीमारी संबंधी छुट्टी की नीति को लचीला बनेगी। ऐसे आवेदन पर घर रहने की अनुमति मिलेगी। अधिकतम उपस्थिति के लिए पुरस्कार या मानदेय को हतोत्साहित किया जायेगा। बाहरी वेंडर को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। शिक्षार्थी घर से ही पका-पकाया पौष्टिक भोजन लायेंगे।