पटना (आससे)। बिहारवासी एक तरफ लोग कोरोना महामारी से परेशान है। तो दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की मूल्यों में वृद्धि से जेब ढीली हो रही है। कोरोना काल में सभी लोगों को रोजगार ठप हो गयी है। कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की दामों में वृद्धि होने से लोगों का बजट बिगाड़ गया है।
पिछले तीन दिनों की बात करे तो पेट्रोल के दामों में 59 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है, वहीं डीजल भी पीछे नहीं है। डीजल के दामों में पिछले तीन दिनों में 1 रूपये 32 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है। पेट्रोल-डीजल की दामों में वृद्धि होने से नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि कोरोना ने पहले ही कमर तोड़ दी है अब पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि होने से परेशानी बढ़ा दी है।
दामों में वृद्धि होने से बिगड़ गया घर का बजट
लोगों का कहना है कि कोरोना ने तब पहले से ही खर्च बढ़ा दी है। लोगों का जीवन चलना बेहद मुश्किल हो गया है। लोग अपने घरों का खर्च उठा नहीं पा रहे है। हमलोग तो पहले से ही मर गये है। कमाई घट गयी है। कैसे-कैसे घर चला रहे है। ये सब हमलोगों को पता है। इसके बावजूद तेल में वृद्धि होने से घरों का बजट बिगड़ गया है। चारों तरफ से घिर गये है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
तेल के दामों में वृद्धि होना कहीं से उचित नहीं
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढऩे से लोगों में गुस्सा व्याप्त है। लोगों का कहना है कि सरकार को तेल के दामों पर नियंत्रण करना चाहिए। एक तो घर चलाना मुश्किल हो गया है। घर सही ढंग से नहीं चला पा रहे है। कब किसको कोरोना हो जायेगा। यह कहना मुश्किल है। अभी के समय में तेल के दामों में वृद्धि होना कहीं से भी उचित नहीं है। सरकार इस पर पहल करे और दामों पर नियंत्रण करे। अगर ऐसे ही दामों में बढ़ोतरी होती रहेगी, तो और भी मर जायेंगे।
तेल की कीमतों में और भी बढऩे की संभावना
पंप संचालक ने बताया कि अभी और भी तेल की दामों में वृद्धि होनी है। ऐसे में लोगों को चिंता में डाल दिया है। लोग कहां से गाड़ी को मेनटेन करेंगे। इस समय में ऐसा होना कहीं से भी उचित नहीं है। सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए। यह एक चिंता की विषय है।