पटना

पटना: बच्चों को मिलेंगे खाद्यान्न


मिड डे मील के तहत मिलेंगे खाना पकाने पर खर्च के पैसे भी

 (आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा में नामांकित बच्चों को चालू फरवरी एवं आगामी मार्च माह के 45 कार्यदिवसों के खाद्यान्न एवं उसे पकाने पर होने वाले खर्च के पैसे मिलेंगे। बच्चों को खाद्यान्न एवं पैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मध्याह्न भोजन योजना के लिए मिलेंगे।

तकरीबन 72 हजार सरकारी स्कूल मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में हैं। इनमें 29 हजार स्कूल 1ली से 8वीं कक्षा के हैं। बाकी 43 हजार स्कूल 1ली से 5वीं कक्षा के हैं। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या तकरीबन 1.66 करोड़ है।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) को दिये गये निर्देश के मुताबिक बच्चों के खाद्यान्न के लिए स्कूलों में उनके अभिभावक रोस्टर के अनुसार बुलाये जायेंगे। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि खाद्यान्न वितरण कार्य में बच्चे शामिल नहीं हों। खाद्यान्न लेने के लिए अभिभावक मास्क में व थैले के साथ आयेंगे तथा सोशल डिस्टेंस का अनुपालन करेंगे।

45 कार्यदिवसों हेतु 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 100 ग्राम खाद्यान्न की दर से 4.500 किलोग्राम खाद्यान्न तथा 6ठी से 8वीं  कक्षा के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 150 ग्राम खाद्यान्न की दर से 6.750 किलोग्राम खाद्यान्न मिलेंगे।

इसी प्रकार परिवर्तित मूल्य यानी  खाद्यान्न पकाने के लिए 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 4.97 रुपये की दर से 223 रुपये तथा 6ठी से 8वीं  कक्षा के बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 7.45 रुपये की दर से 335 रुपये मिलेंगे।

यह राशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में हस्तांतरित होगी। इसके लिए जिन बच्चों के अभिभावक विद्यालय से खाद्यान्न प्राप्त करेंगे, उनके नाम के मेधासॉफ्ट में प्रधानाध्यापक ‘वाई’ निशान अंकित करेंगे। जिन्हें खाद्यान्न नहीं मिलेगा, उनके नाम के आगे ‘एन’ निशान अंकित होगा।

खाद्यान्न वितरण में खाद्यान्न को तौलने, अभिभावक को देने, वितरण पंजी पर उनका हस्ताक्षर लेने एवं सोशल डिस्टेंस का अनुपालन कराने के लिए स्कूलों में शिक्षक-कर्मी एवं रसोइयों को नामित कर टीम बनाने के निर्देश भी दिये गये हैं। खाद्यान्न वितरण में किसी प्रकार की कोताही कर्तव्यहीनता की श्रेणी में आयेगी। उन पर दंडात्मक काररवाई होगी।

इस बीच मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक सतीशचंद्र झा द्वारा चतुर्थ त्रैमास 2020-21 का खाद्यान्न के 28 फरवरी तक उठाव के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) को निर्देश दिये गये हैं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने पर काररवाई होगी।