पटना

पटना: बच्चों को विषय चुनने की आजादी मिले : कोठारी


यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर का द्वितीय फैकल्टी इंडक्शन

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। देश के जाने माने शिक्षाविद व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संस्थापक अतुल कोठारी ने कहा है कि बच्चों को विषय चुनने की आजादी मिलनी चाहिये। पटना विश्वविद्यालय के यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर के द्वितीय फेकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम में गुरुवार को श्री कोठारी, जो शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संस्थापक भी हैं, ने ऑनलाइन माध्यम से ‘भारत में शैक्षिक परिवर्तन: आवश्यकता और दिशा’ विषय पर अपने विचार प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में रखते हुए प्रतिभागियों के ज्वलंत सवालों के जवाब भी दिये।

उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा की नींव यानी प्रारंभिक शिक्षा को कम महत्व दिया गया और समेकित शैक्षणिक योजना के आभाव में  हमारा डिग्री केन्द्रित विकास हुआ और शिक्षा के मूल उद्देश्य पीछे छूट गये। नयी व्यवस्था का जोर हमारी मातृभाषा में शिक्षण पर है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान केवल भारत के लिए ही नहीं, पूरे विश्व के लिए जरूरी है। उन्होंने शिक्षा की स्वायत्तता की जरूरत  को भी समझाया। स्वायत्तता केवल सरकार के स्तर पर व स्वपोषित शैक्षणिक संस्थान के स्तर से इतर मां-बाप द्वारा अपने बच्चों को विषय चुनने में दें, शिक्षक द्वारा अपने विद्यार्थियों को दें, प्रधानाचार्य द्वारा अपने प्राचार्य को तथा कुलपति अपने प्रधानाचार्यों को भी दें।

उन्होंने शिक्षा के माध्यम से चरित्र निर्माण की बात करते हुए भारतीय ज्ञान-परंपरा की प्रासंगिकता को समझाया। शिक्षक कर्तव्य बोध, समग्र पाठ्यक्रम की पुनर्रचना का प्रारूप,  शिक्षा के वैश्विक संदर्भ पर भी चर्चा की। अपराह्न में पद्मश्री प्रो. एच. सी. वर्मा ने शिक्षक से समाज की अपेक्षाओं पर प्रकाश  डालते हुए शिक्षण कला को समझाया। आज के दौर में आनलाइन शिक्षा के विभिन्न आयाम व उपयोगिता को बताते हुए तकनीक को अपनाने के फायदे बताये।

प्रो. वर्मा ने शिक्षण से जुड़े अवसर और विविधता के साथ एक शिक्षक को छात्र द्वारा रोल मॉडल के रूप में देखे जाने से शिक्षक की जिम्मेदारी को बताया। उन्होंने शिक्षण कला के गुर अभ्यास में बताया। आज के दौर में शिक्षण सामग्री की उपलब्धता से शिक्षण की चुनौतियां पर भी प्रकाश डाला। दोनों सत्र का संचालन समन्वयक प्रो. शंकर कुमार ने किया।

इसके पूर्व पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय सभागार में आयोजित द्वितीय फैकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कहा कि पटना विश्वविद्यालय शोध के लिए संकल्पित है। शिक्षक ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय में जमा करें। धन की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। कार्यक्रम संयोजक मो. सईद आलम ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व कुलपति प्रो.रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षक का कार्य अध्यापन के साथ-साथ शोध भी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के डायरेक्टर प्रो. चंद्रमा सिंह ने कहा कि शिक्षकों का काम केवल शिक्षा देना ही नहीं, अपने आसपास के हर विषय को ध्यान में रखना है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के ऑनलाइन रहते हुए भी पास रहने की बात कही। मौके पर पटना विश्वविद्यालय के डेवलपमेंट ऑफिसर परिमल कुमार खान, नीलेश सिंह, मोहम्मद उमर और प्रतिभागी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।