पटना

पटना: मैट्रिक परीक्षा में 78.17 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में 78.17 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने बताया कि परीक्षा में 16 लाख 54 हजार 171 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें 8 लाख 29 हजार 278 छात्र एवं 8 लाख 24 हजार 893 छात्राएं थीं। 12 लाख 93 हजार 54 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। उत्तीर्ण होने वालों में 6 लाख 76 हजार 518 छात्र एवं 6 लाख 16 हजार 536 छात्राएं हैं। परीक्षा में 3 लाख 60 हजार 655 परीक्षार्थी फेल हुए हैं।

उत्तीर्ण होने वालों में 4 लाख 13 हजार 87 परीक्षार्थियों को प्रथम श्रेणी, 5 लाख 615 परीक्षार्थियों को द्वितीय श्रेणी एवं 3 लाख 78 हजार 980 परीक्षार्थियों को तृतीय श्रेणी मिला है।

प्रथम श्रेणी हासिल करने वाले परीक्षार्थियों में 2 लाख 47 हजार 496 छात्र एवं 1 लाख 65 हजार 591 छात्राएं हैं। द्वितीय श्रेणी हासिल करने वाले परीक्षार्थियों में 2 लाख 58 हजार 713 छात्र एवं 2 लाख 41 हजार 902 छात्राएं हैं। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी हासिल करने वाले परीक्षार्थियों में 1 लाख 70 हजार 132 छात्र एवं 2 लाख 8 हजार 848 छात्राएं हैं।

आपको बता दूं कि पिछले साल यानी वर्ष 2020 की परीक्षा में 80.59 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए थे। वर्ष 2019 की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों का प्रतिशत 80.73 था। यह प्रतिशत वर्ष 2018 में 68.89 एवं वर्ष 2017 में 50.12 था।

टॉपर्स को मिलेंगे एक लाख

मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को एक लाख रुपये, एक लैपटॉप एवं एक कैंडल ईबुक रीडर मिलेंगे। दूसरे स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 75 हजार रुपये, एक लैपटॉप एवं एक कैंडल ईबुक रीडर दिये जायेंगे।

इसी प्रकार तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 50 हजार रुपये, एक लैपटॉप एवं एक कैंडल ईबुक रीडर मिलेंगे।

इसके अतिरिक्त चतुर्थ एवं 10वें स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को 10 हजार रुपये एवं एक-एक लैपटॉप मिलेंगे।

डॉक्टर बनना चाहती हैं शुभदर्शिनी

सोमवार को बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा कर दी गयी। इस साल मैट्रिक परीक्षा 78 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं, जिनमें लड़कियों का दबदबा इस बार भी बरकरार रहा। एकंगरसराय प्रखंड के कोरथू गांव निवासी ओमप्रकाश निराला और नीलम कुमारी की लाडली शुभदर्शिनी ने 484 अंक लाकर सूबे में पहला स्थान प्राप्त किया है। सिमुलतला स्कूल में पढ़ाई करने वाली शुभदर्शिनी डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना चाहती है।

फिलहाल उसका पूरा परिवार एकंगरसराय में रहता है। उसकी सफलता से प्रखंड के साथ पूरे जिले में खुशी का माहौल है। पिता हिलसा के चमरबिगहा मध्य विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं जबकि मां गृहिणी हैं। बड़ा भाई इसी साल इंटर की परीक्षा के विज्ञान संकाय में राज्य के टॉपर्स की लिस्ट में छठे स्थान पर रहा। पिता ने बताया कि बचपन से मेधावी शुभदर्शिनी की प्रारंभिक शिक्षा एकंगरसराय में ही हुई है। साल 2016 में उसका दाखिला सिमुलतला आवासीय विद्यालय में हुआ था। टॉपन बनी शुभदर्शिनी का कहना है कि बचपन से घर में पढ़ाई का माहौल था। माता-पिता के आशीर्वाद और कड़ी मेहनत ने उसे टॉपर बनाया। उसने बताया कि आगे वह डॉक्टर बनने का लक्ष्य लेकर और अधिक मेहनत करना चाहती है।

इंजीनियर बनना चाहता है संदीप

दिनारा (रोहतास)। प्रखंड क्षेत्र के कुशही गांव निवासी महाराज सिंह एवं इनकी पत्नी इन्दु देवी के पुत्र संदीप कुमार ने लडका वर्ग में बिहार टापर रहा। बालदेव  उच्च विद्यालय दिनारा में पढऩे वाले मैट्रिक की परीक्षा के रिजल्ट आते ही टाप टेन में दो लड़कियों के बाद लडका वर्ग में 484 अंक लाकर अव्वल रहा। बिहार टापर मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण होने की खबर सुनकर गांव गिरान के लोग खुशी से झूम उठे। किसान के बेटे ने गांव का नाम रौशन किया है। दो भाई एवं एक बहन है।जो आगे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं। बालदेव उच्च विद्यालय के रौल कोड 74082 क्रमांक 2101081 है। जिनके अच्छा अंक लाने से प्राचार्य एवं शिक्षकों ने खुशी जताई है।