पटना

पटना: वित्त मंत्री ने पेश किया 20 हजार 531 करोड़ का अनुपूरक बजट


समग्र शिक्षा के लिए 4441 करोड़ तो गंगा जल उद्ïवह के लिए 1035 करोड़, जनगणना के लिए 37 करोड़ का प्रावधान

(आज समाचार सेवा)

पटना। विधानसभा में उप मुख्यमंत्री सह वित्त, वाणिज्यकर एवं नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को २०५३१ करोड़ से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। बजट में  वार्षिक स्कीम के अंतर्गत १२१२० करोड़, स्थापना एवं प्रतिवद्ध व्यय के लिए ८३७३ करोड़ तथा केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के तहत जनगणना २०२१ के लिए ३७.४७ करोड़ से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री द्वारा सदन में पेश किये द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी के वाषिक स्कीम में समग्र शिक्षा के लिए ४४४१ करोड़, राष्टय स्वास्थ्य मिशन के लिए २४२ करोड़, मध्याह्ïन भोजन के लिए २३५ करोड़, त्वरित सिंचाई एवं बाढ़ प्रबंधन के लिए १२० करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए ५४ करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई के लिए २८ करोड़ तथा पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के गठन के लिए २५ करोड़ का प्रावधान किया गया है।

राज्य स्कीम मद में नाबार्ड संपोषित गंगा जल उद्वह योजना के लिए १०३५ करोड़, पटना मेट्रो के लिए १००० करोड़, मुख्यमंत्री बालिका इंटरमीडिएट प्रोत्साहन योजना के लिए ६३५ करोड़, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के लिए ५५० करोड़, मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के लिए ५०० करोड़, मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना के लिए ४३५ करोड़, सडक़ों एवं पुल-पुलियों के निर्माण के लिए ४०० करोड़, बिहार राज्य आवास बोर्उ से भूमि लेने के लिए ३१५ करोड़, बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए २१९ करोड़, औद्योगिक प्रोत्साहन योजना के लिए १५० करोड़, राज्य के विश्वविद्यालयों के विकास के लिए १४९ करोड़, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के लिए १२३ करोड़, सिंचाई सृजन योजना के लिए १०० करोड़ तथा मुख्यमंत्री शहरी गली-नली पक्कीकरण के लिए १०० करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त कई छोटी योजनाओं के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह स्थापना एवं प्रतिवद्घ व्यय योजना के लिए षष्ठम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को देन के लिए २१३० करोड़, शहरी निकायों के लिए १४४५ करोड़, प्राकृतिक विपत्ति के कारण राहत के लिए ११८२ करोड़, १५ वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के तहत पंचायती राज संस्थाओं को ९०४ करोड़, वित्त संपोषित महाविद्यालयों के लिए ८८४ करोड़, स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत वेतनादि, छात्रवृति व वजीफा के लिए ५५४ करोड़, राज्यों के विश्वविद्यालयों के लिए ५४७ करोड़, १५ वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के अंतर्गत शहरी निकायों को २१२ करोड़ तथा पंचायत निर्वाचन के लिए १४० करोड़ का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के तहत जनगणना २०२१ के लिए ३७ करोड़ का प्रावधान किया गया है।२१ के लिए ३७ करोड़ का प्रावधान किया गया है।