(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में प्लसटू स्तरीय व्यावसायिक शिक्षा के 60 अनुदेशकों एवं प्रयोगशाला सहायकों को सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना के तहत क्रमशः 12 वर्षों की सेवा पूर्ण करने की तिथि से एसीपी एवं 20 वर्षों की सेवा पूर्ण करने की तिथि से द्वितीय एमएसीपी प्रदान की गयी है। इनमें 29 अनुदेशक एवं 31 प्रयोगशाला सहायक हैं। खास बात यह है कि छह अनुदेशकों एवं दो प्रयोगशाला सहायकों को यह लाभ सेवानिवृति के बाद मिला है।
अनुदेशकों एवं प्रयोगशाला सहायकों को एसीपी एवं एमएसीपी का लाभ देने संबंधी दो अलग-अलग आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। एक आदेश के तहत 29 अनुदेशकों को एवं दूसरे आदेश के तहत 31 प्रयोगशाला सहायकों को एसीपी एवं एमएसीपी का लाभ दिया गया है। आपको बता दूं कि एसीपी एवं एमएसीपी स्केल प्रोन्नति है। जिन्हें एसीपी एवं एमएसीपी का लाभ दिया जाता है, उनका ग्रेड पे बढ़ जाता है। बढ़े हुए ग्रेड पे में जिला लेखा पदाधिकारी से वेतन निर्धारण के बाद भुगतान की व्यवस्था है।
आदेश में कहा गया है कि सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (एसीपी) नौ अगस्त 1999 एवं द्वितीय एमएसीपी एक जनवरी 2009 से प्रभावी है। यह वित्तीय उन्नयन व्यक्तिगत होगा, जिसका पारस्परिक वरीयता से कोई संबंध नहीं होगा। सूची में अंकित कर्मियों के संबंध में किसी प्रकार की त्रुटि पाये जाने पर संबंधितों को प्रदत्त एसीपी योजना का लाभ रद्द- संशोधित किया जायेगा तथा उन्हें भुगतान की गयी राशि की वसूली-प्रतिपूर्ति कर ली जायेगी।
संबंधित विद्यालयों के प्राचार्य-प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि जिन अनुदेशकों एवं प्रयोगशाला सहायकों को एसीपी-एमएसीपी का लाभ दिया गया है, उन्हें इसका भुगतान जिला लेखा पदाधिकारी से वेतन निर्धारण के बाद ही किया जायेगा।