पटना (आससे)। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार रात 9 बजकर 27 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। कुछ सेकंड तक कंपन महसूस हुआ। दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए। राहत की बात ये है कि भूकंप से अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। नेशनल सेंटर पर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नालंदा से 20 किमी दूर था।
पटना के बोरिंग रोड, आशियाना नगर, पटेल नगर में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। वहीं, नालंदा, गया, नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद और सासाराम जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
नेशनल सेंटर पर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नालंदा से 20 किमी दूर था। नेशनल सेंटर पर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नालंदा से 20 किमी दूर था। जिस समय भूकंप के झटके महसूस हुए, उस वक्त लोग डिनर की तैयारी में थे। झटका महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकले और फोन पर परिजन की खैरियत पूछते रहे। पटना के बोरिंग रोड, आशियाना नगर, पटेल नगर में लोग देर रात तक भी घरों से बाहर खड़े रहे।
पटना में सोमवार को आए भूकंप ने लोगों को 25 अप्रैल 2015 की याद दिला दी। तब नेपाल में 5.3 तीव्रता के भूकंप में 8000 से ज्यादा मौतें और 2000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके चलते बिहार में भी कई झटके महसूस किए गए थे। नेपाल से सटे सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा समेत उत्तरी बिहार में तो लोग कई दिनों तक आशंकित रहे थे।
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।