पटना

पटना: सरकारी स्कूल करेंगे स्व-मूल्यांकन


      • स्कूलों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट से जुड़ी शाला सिद्धि
      • चेतना सत्र में गैरहाजिर शिक्षक कर्मियों की भी ली जायेगी रिपोर्ट

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। सरकारी स्कूल अब अपना स्व-मूल्यांकन करेंगे। स्कूलों द्वारा अपना स्वमूल्यांकन ‘शाला सिद्धि’ कार्यक्रम के तहत किया जाना है। इसके तहत वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में स्कूलों को स्व-मूल्यांकन डैशबोर्ड तैयार वेब पोर्टल पर अपलोड करने हैं।

इसे जिले में सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग से जोड़ा गया है। इसकी रिपोर्ट प्रत्येक कार्यदिवस को पहली नवंबर से ली जायेगी। दैनिक मॉनीटरिंग रिपोर्ट में स्कूलों को यह बताना होगा कि ‘शाला सिद्धि’ कार्यक्रम के अंतर्गत शैक्षणिक वर्ष 2020-21 का स्व-मूल्यांकन डैशबोर्ड तैयार कर वेब पोर्टल पर अपलोड किया गया अथवा नहीं।

इसके साथ ही पहली नवंबर से ही स्कूलों की मॉनीटरिंग से ‘चेतना सत्र’  को भी जोड़ा गया है। इसके तहत दैनिक मॉनीटरिंग रिपोर्ट में सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों को यह भी बताना होगा कि ‘चेतना सत्र’ में पुस्तक ‘एक था मोहन’ के किस खंड का वाचन हुआ। स्कूलों को यह भी बताना होगा कि स्कूल में पदस्थापित शिक्षक एवं शिक्षकेतरकर्मियों में से कितने शिक्षक एवं शिक्षकेतरकर्मी ‘चेतना सत्र’ में उपस्थित हुए।

ये दोनों ही प्रावधान मॉनीटरिंग रिपोर्ट में जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार द्वारा किये गये हैं। इससे जहां स्कूलों पर ‘शाला सिद्धि’ के तहत स्व-मूल्यांकन का दबाव बनेगा, वहीं चेतना सत्र में शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की सहभागिता सुनिश्चित होगी। नये रूप से डिजाइन किये गये मॉनीटरिंग रिपोर्ट का एक खंड शिक्षकों से संबंधित है, जबकि दूसरा खंड शिक्षकेतर कर्मचारियों से। तीसरे खंड के माध्यम से छात्र-छात्राओं से संबंधित ब्योरे स्कूलों से लिये जाने हैं।

नये रूप से डिजाइन किये गये मॉनीटरिंग रिपोर्ट में अठारह कॉलम रखे गये हैं। इसमें प्रखंड के नाम के बाद स्कूल का नाम और उसके बाद शिक्षकों से संबंधित चार कॉलम हैं। इसमें स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, चेतना सत्र में उपस्थित शिक्षकों की संख्या, अनधिकृत रूप से उपस्थित शिक्षकों की संख्या एवं पाठ टीका के साथ वर्ग संचालन करने वाले शिक्षकों की संख्या के कॉलम हैं।

शिक्षकेतरकर्मियों वाले खंड में स्कूल में पदस्थापित शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या, चेतना सत्र में उपस्थित लिपिकों व परिचारियों की संख्या एवं अनधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकेतरकर्मियों की संख्या का उल्लेख किया जाना है। इसी प्रकार छात्र-छात्राओं से संबंधित ब्योरे में स्कूल में नामांकित छात्र-छात्राओं की कक्षावार संख्या, उपस्थित छात्र-छात्राओं की संख्या एवं प्रायोगिक वर्ग से लाभान्वित छात्र-छात्राओं की संख्या का उल्लेख किया जाना है। इसके साथ ही अनधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के नाम और उनके पदनाम के भी कॉलम पहले की तरह ही हैं।