पटना

पटना: स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर नकेल


प्रॉक्सी शिक्षकों की अब खैर नहीं, वास्तविक अध्यापकों की लगेगी तस्वीर

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सभी 80 हजार सरकारी प्राइमरी स्कूलों से लेकर प्लस-टू स्कूलों में अब प्रॉक्सी शिक्षकों की खैर नहीं है। प्रॉक्सी शिक्षकों की इंट्री पर रोक लगाने एवं सभी वास्तविक शिक्षकों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर नाम और टेलीफोन नम्बर के साथ उनकी रंगीन तस्वीर लगेगी। तस्वीर स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर लगेगी।

इससे संबंधित रिपोर्ट बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने जिलों से मांगी है। इस बाबत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिये हैं। इसके मुताबिक प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों को लेकर 29 दिसंबर तक एवं हाई-प्लसटू स्कूलों को लेकर पांच जनवरी तक रिपोर्ट मांगी गयी है। इसके लिए अलग-अलग फॉर्मेट जारी किये गये हैं। दोनों फॉर्मेट में जिला एवं प्रखंड का नाम, स्कूल का नाम, शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद, पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, उनके नाम एवं पदनाम के कॉलम हैं।

राज्य के 80 हजार सरकारी स्कूलों में 43 हजार प्राइमरी स्कूल, 29 हजार मिडिल स्कूल तथा आठ हजार हाई एवं प्लस-टू स्कूल हैं। इन स्कूलों में प्रॉक्सी शिक्षकों की गतिविधियों पर रोक लगाने एवं वास्तविक शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके नाम, पदनाम एवं मोबाइल नम्बर के साथ उनकी ताजा रंगीन तस्वीर नोटिस बोर्ड पर लगाने के निर्देश दिये गये थे, ताकि स्कूल के बच्चे एवं अभिभावक उन्हें पहचान सकें।

ये निर्देश प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिये दिये गये थे। बाद में इसमें सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों को भी शामिल करते हुए जिलों से रिपोर्ट मांगी गयी थी। लेकिन, सभी स्कूलों की रिपोर्ट बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को नहीं मिली है, जिसे उसने गंभीरता से लिया है।