पटना

पटना: हाई स्कूलों में छात्र-छात्राओं को नहीं लगेंगे दंड


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सरकारी हाई स्कूलों के छात्र-छात्राओं को अब अनुपस्थिति दंड नहीं देने होंगे। इसके साथ ही उन्हें शुल्क विलंब दंड भी नहीं लगेंगे। छात्र-छात्राओं को पलायन शुल्क भी नहीं लगेगा। इसके साथ ही नाम कट जाने पर रिएडमिशन के लिए भी उन्हें किसी प्रकार की राशि नहीं देनी होगी। इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग ने मंगलवार को जारी किया है।

इससे माध्यमिक कक्षाओं में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिल गयी है। अब तक माध्यमिक कक्षा के छात्र-छात्राओं से अनुपस्थिति दंड के रूप में प्रतिदिन एक रुपये, माह के 30 तारीख तक शुल्क जमा नही रहने पर शुल्क विलंब दंड एक रुपये एवं टिफिन के बाद स्कूल से पलायन होने पर पलायन शुल्क एक रुपये देने पड़ रहे थे।

हालांकि, विद्यालय रख-रखाव (ब्लैकबोर्ड एवं रंग-रोगन, प्राथमिक चिकित्सा, विद्यालय मैदान, भवन एवं शौचालय की साफ-सफाई) मद में माध्यमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष 50 रुपये देने होंगे। यह व्यवस्था सभी राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट एवं उत्क्रमित हाई स्कूलों के माध्यमिक कक्षाओं के साथ ही मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के माध्यमिक कक्षाओं के लिए भी लागू की गयी है।

दूसरी ओर सरकारी हाईस्कूल प्रबंधन समिति सालाना एक लाख रुपए की जगह पांच लाख रुपये खर्च करने की अनुशंसा कर सकेगी। समिति की बैठक की अनुशंसा पर इतनी राशि का खर्च विद्यालय के विकास कार्य पर बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम के माध्यम से होगा। प्राचार्य या प्रधानाध्यापक को 500 छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय भवन रख रखाव, शौचालय, सफाई व पेयजल सुविधा के लिए 50 हजार रुपए की राशि बढ़ा कर डेढ़ लाख रुपए सालाना किया गया है। इसी तरह 500 से 750 छात्र-छात्राओं वाले स्कूल के प्राचार्य को 75 हजार रुपए से बढ़ा कर दो लाख रुपये और 750 से अधिक छात्र-छात्रा पर एक लाख से बढ़ा कर 2.50 लाख रुपए किया किया गया है।

राशि संशोधन के संबंध में शिक्षा विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया। 500 विद्यार्थी तक प्रतिमाह 12500 रुपए, 501 से 750 विद्यार्थी वाले विद्यालय में प्रतिमाह 16,666 और 750 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय में प्रतिमाह 20,833 रुपए खर्च कर सकते हैं। किसी माह कम या किसी माह अधिक खर्च हो सकता है। लेकिन वित्तीय वर्ष में एक मुश्त राशि खर्च नहीं की जाएगी। इस राशि से विद्यालय भवन का रख-रखाव, खिडक़ी, दरवाजा, फर्श मरम्मत, विद्यालय उपकरण की मरम्मति और बागवानी पर खर्च होंगे।

विद्यालय के प्राचार्य या प्रधानाध्यापक को दी गई शक्ति का उपयोग प्रभारी प्राचार्य या प्रधानाध्यापक भी कर सकते हैं।