पटना

पटना: 13 करोड़ वयस्क बनेंगे साक्षर


  • 15 लाख असाक्षरों को मिलेगी 3री से 12वीं तक की समकक्ष शिक्षा
  • 5 वर्षों के लिए लागू होगा ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’
  • मिलेगी वित्तीय, डिजीटल व वाणिज्य कौशल की शिक्षा
  • वर्ष 2030 तक निरक्षरता उन्मूलन की केंद्र की योजना

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। निरक्षरता उन्मूलन की नयी योजना के तहत 13 करोड़ असाक्षर वयस्क पांच वर्षों में साक्षर बनाये जायेंगे। इन्हें ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ के तहत कार्यात्मक साक्षरता प्रदान की जायेगी। साक्षरता की इस नयी योजना के तहत 15 लाख असाक्षरों को 3री से लेकर 12वीं कक्षा तक की समकक्ष शिक्षा मिलेगी। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू होने वाली साक्षरता की यह नयी योजना केंद्र प्रायोजित है, जो इसी साल (वर्ष 2021) लागू होकर वर्ष 2026 तक चलेगी।

साक्षरता की इस केंद्र प्रायोजित योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ मंगलवार को विमर्श किया। यह विमर्श वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ। विमर्श में बिहार से जन शिक्षा निदेशक-सह-अपर सचिव कुमार रामानुज शामिल हुए। आपको बता दूं कि गत 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शुभारंभ के पहले ‘पढऩा-लिखना अभियान’ का अनुमोदन केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री द्वारा गत 25 अप्रैल को किया गया था।

इस बीच एक नये नामकरण के साथ केंद्र सरकार द्वारा वयस्क साक्षरता हेतु आगामी पांच वर्षों (2021-2026) के लिए ‘नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार लागू करने का प्रस्ताव है। इसका मुख्य उद्येश्य वर्ष 2030 तक निरक्षरता खत्म कर 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करना है। साक्षरता की इस नयी योजना के तहत वर्ष में तीन बार अगस्त, नवम्बर एवं फरवरी माह में बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा किया जायेगा। एनवाईकेएस, एनएसएस, एनसीसी इत्यादि के स्वयंसेवक को प्रतिवर्ष कम-से-कम दो वयस्क असाक्षरों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

साक्षरता पाठ्यक्रम में पांच प्रकार के कार्यक्रम शामिल किये जायेंगे। पहला कार्यक्रम ‘फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी’ होगा। इसके तहत 2021 से 2026 तक 13 करोड़ शिक्षार्थी को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है, जिसमें कम-से-कम आठ करोड़ शिक्षार्थी ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग एंड एसेसमेंट सिस्टम (ओटीएलएएस) के माध्यम से कवर किये जायेंगे। दूसरा कार्यक्रम ‘क्रिटिकल लाइफ स्किल्स’ होगा। इसके तहत एनसीईआरटी-एससीईआरटी द्वारा तैयार मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षार्थी को वित्तीय साक्षरता, डिजीटल साक्षरता, वाणिज्य कौशल, स्वास्थ्य, बच्चों की देखभाल एवं शिक्षा, परिवार कल्याण आदि विषय में ऑनलाइन मोड में जानकारी दी जायेगी।

तीसरा कार्यक्रम ‘वोकेशनल स्किल्स’ का होगा। इसके तहत विभिन्न विभागों के सहयोग से नवसाक्षरों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में प्रशिक्षण दिया जायेगा। चौथा कार्यक्रम ‘बेसिक एडुकेशन’ का होगा। इसके तहत एनसीईआरटी-एससीईआरटी, एनआईओएस-बीबोस के सहयोग से शिक्षार्थी को प्रारंभिक कक्षा (3-5), मध्य कक्षा (6-8) एवं माध्यमिक कक्षा (9-12) के समकक्ष शिक्षा प्रदान की जायेगी। इसके लिए 15 लाख शिक्षार्थी अर्थात् प्रतिवर्ष तीन लाख शिक्षार्थी का लक्ष्य है। पांचवां कार्यक्रम ‘कंटीन्यूइंग एडुकेशन’ का है। इसमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल, मनोरंजन के साथ शिक्षार्थी के रुचि के विषय को शामिल किया जायेगा। साक्षरता केंद्रों का संचालन विद्यालय, महाविद्यालय, पंचायत भवन, आंगवाड़ी केंद्र आदि में किया जायेगा।