पटना

पटना: 14550 छात्र-छात्राओं को वजीफा


हर विद्यार्थी को मिलेंगे 10 हजार रुपये, विमुक्त हुई 14 करोड़ 55 लाख रुपये  की राशि

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 14,550 और छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलेगा। इनमें हर छात्र-छात्रा को 10-10 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए 14 करोड़ 55 लाख रुपये  की राशि जारी हुई है।

यह राशि वजीफे के रूप में जिन 14,550 और छात्र-छात्राओं को मिलेगी, उनमें उनमें अररिया के 215, अरवल के 218, औरंगाबाद के 458, बांका के 252, बेगूसराय के 631, भागलपुर के 678, भोजपुर के 351, बक्सर के 186, दरभंगा के 445, पूर्वी चंपारण के 605, गया के 723, गोपालगंज के 315, जमुई के 242,  जहानाबाद के 215, कैमूर के 201, कटिहार के 308, खगडिय़ा के 511, किशनगंज के 111, लखीसराय के 388, मधेपुरा के 291, मधुबनी के 680, मुंगेर के 295, मुजïफ्फरपुर के 495, नालंदा के 649, नवादा के 420, पटना के 791, पूर्णिया के 264, रोहतास के 475, सहरसा के 216, समस्तीपुर के 560, सारण के 406, शेखपुरा के 160, शिवहर के 69, सीतामढ़ी के 358, सीवान के 346, सुपौल के 274, वैशाली के 293 एवं पश्चिमी चंपारण के 455 छात्र-छात्रा शामिल हैं।


75 हजार छात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण

पटना (आशिप्र)। राज्य में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत वर्तमान शैक्षिक सत्र में 75 हजार और छात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य है। इसके लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन में तेजी लायी जायेगी। इसकी रणनीति स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा में तय हुई है।

आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में सात निश्चय पाट-दोके तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा बैठक शुक्रवार को हुई थी। उसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि योजना के कार्यान्वयन में तेजी लायें और इसके दायरे में अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को लायें, ताकि पैसे के अभाव में छात्र-छात्रा उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहें। तय हुआ है कि आर्यभट्टï ज्ञान विश्वविद्यालय सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में वोकेशनल कोर्स के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में आ रही परेशानी दूर की जायेगी।

इसके साथ ही नर्सिंग कोर्स सहित अन्य कोर्स के छात्र-छात्राओं को शिक्षा ऋण मिलने में होने वाली हर प्रकार की परेशानी भी दूर की जायेगी। समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि पिछले दो साल से कोरोना के कारण इस योजना की उपलब्धि कम हो पा रही है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल स्थिति थोड़ी ठीक है। बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, सचिव असंगबा चुबा आओ, उच्च शिक्षा निदेशक मनोज कुमार एवं बिहार विकास मिशन निदेशक विनय कुमार सिंह सहित सभी संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे।


यह राशि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विमुक्त हुई है। ‘मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना’ के तहत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मैट्रिक परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्रति छात्र-छात्रा 10 हजार रुपये की दर से वृत्तिका दिये जाने का प्रावधान है।

इसके लिए पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा 15300 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है, के विरुद्ध शेष 14 करोड़ 55 लाख रुपये  की राशि विमुक्त हुई है। यह राशि राज्य के स्थायी निवासी विद्यार्थियों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मैट्रिक परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्णता के आधार पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटि के निर्धारित अर्हता को पूर्ण करने वाले योग्य छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।