पटना

पटना: 2री से 10वीं के करोड़ों बच्चे 5 से पढ़ेंगे कैचअप कोर्स


      • 80 हजार स्कूलों में तीन माह तक होगी पिछली कक्षा की पढ़ाई
      • कोरोनाकाल में बच्चों को हुई पढ़ाई की क्षति की होगी भरपाई

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के तकरीबन 80 हजार सरकारी स्कूलों में 2री से लेकर 10वीं कक्षा तक के तकरीबन पौने दो करोड़ बच्चों की पांच अप्रैल से कैचअप कोर्स की पढ़ाई होगी। 2री से 10वीं कक्षा के तकरीबन पौने चार लाख शिक्षक तीन माह तक बच्चों को कैचअप कोर्स पढ़ायेंगे। इन तीन महीनों में स्कूलों में 60 कार्यदिवस पड़ेंगे।

कैचअप कोर्स के जरिये 2री से 10वीं कक्षा के बच्चे पुरानी कक्षा के ही पाठ पढ़ेंगे। मसलन, 2री कक्षा के बच्चे 1ली कक्षा के पाठ, 3री कक्षा के बच्चे 2री कक्षा के पाठ, 4थी कक्षा के बच्चे 3री कक्षा के पाठ, 5वीं कक्षा के बच्चे 4थी कक्षा के पाठ, 6ठी कक्षा के बच्चे 5वीं कक्षा के पाठ, 7वीं कक्षा के बच्चे 6ठी कक्षा के पाठ, 8वीं कक्षा के बच्चे 7वीं कक्षा के पाठ, 9वीं कक्षा के बच्चे 8वीं कक्षा के पाठ और 10वीं कक्षा के बच्चे 9वीं कक्षा का पढ़ेंगे। हर कक्षा के लिए कैचअप कोर्स के पाठ इस तरह डिजाइन किये गये हैं कि बच्चों को कोरोनाकाल में हुई पढ़ाई की क्षति की भरपाई हो जाय।

कोरोनाकाल में बच्चों को हुई पढ़ाई की क्षति का अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि कोरोना से बचाव को लेकर पिछले साल यानी वर्ष 2020 के 13 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए तमाम शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया। उसके अगले दिन से सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये। 22 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर जनता कर्फ़्यू लगा। और, उसके एक दिन बाद पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ। स्कूली छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं भी लॉकडाउन में फंस गयीं। इसलिए कि, सरकारी स्कूलों के 1ली से 8वीं कक्षा की परीक्षाएं मार्च के अंतिम हफ्ते में  थीं।

9वीं एवं 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी नहीं हुईं थीं। चूंकि, अगले माह यानी अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना था, इसलिए 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं के छात्र-छात्रा बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रमोट कर दिये गये। अनलॉक फेज-वन शुरू हुआ, तो सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में मिड डे मील के अनाज बंटने शुरू हुए। इसके लिए बच्चों के अभिभावक बुलाये गये। अनलॉक के अगले चरण में स्कूलों में 5वीं एवं 8वीं कक्षा से प्रमोट हुए बच्चों के क्रमश: 6ठी एवं 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए टी. सी. (स्थानान्तरण प्रमाण पत्र) बनने शुरू हुए। बाद में बच्चों का दाखिला भी शुरू हुआ।

11वीं कक्षा में भी बच्चों के दाखिले शुरू हुए। 28 सितंबर से स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के क्लासरूम के ताले प्रतिदिन 33 फीसदी छात्र-छात्राओं के लिए मागदर्शन कक्षा के नाम पर खुल गये। उसके बाद चार जनवरी से हर कार्यदिवस को अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू हुई। आठ फरवरी से हर कार्यदिवस को 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए भी स्कूल खुल गये। उसके बाद एक मार्च प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिये गये। हालांकि, ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था तो की गयी, लेकिन वह स्कूली बच्चों  के लिए क्लासरूम की जगह नहीं ले पायी।

इसके मद्देनजर 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चे पिछले साल यानी वर्ष 2020 की तरह ही इस साल भी बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रमोट किये गये हैं। नया शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो चुका है। 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चे प्रमोट होकर क्रमश: 2री से 9वीं कक्षा में पहुंच चुके हैं। 9वीं कक्षा के बच्चे भी परीक्षा से 10वीं कक्षा में पहुंच चुके हैं।

2री से 10वीं कक्षा में पहुंचे बच्चों को नयी कक्षा के स्तर के अनुरूप बनाने के लिए ही कैचअप कोर्स की पढ़ाई होगी। कैचअप कोर्स की पाठ्यसामग्री राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से तैयार करायी है। मुद्रित पाठ्यसामग्री की कक्षावार दो-दो प्रति हर स्कूल को उपलब्ध करायी जा रही है। कैचअप कोर्स पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग भी मिल चुकी है।

बहरहाल, कैचअप कोर्स पढ़ाने को तैयार तकरीबन 80 हजार स्कूलों में 43 हजार प्राइमरी स्कूल, 29 हजार मिडिल स्कूल एवं तकरीबन आठ हजार हाई स्कूल हैं।