पटना (आशिप्र)। राज्य में दो लाख 56 हजार 896 प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन की मांग उठी है। ये सभी ऐसे प्रारंभिक शिक्षक हैं, जिन्हें समग्र शिक्षा अभियान से वेतनादि का भुगतान होता है। ऐसे शिक्षकों का वेतन कहीं तीन महीने से, तो कहीं चार महीने से लंबित है। इसके साथ ही तकरीबन डेढ़ हजार उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में भी शिक्षकों को वेतन का इंतजार है।
आपको बता दूं कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में तीन लाख 23 हजार पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षक हैं। इनमें 66,104 ऐसे शिक्षक हैं, जिनके वेतनादि पर खर्च होने वाली शतप्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है। बाकी दो लाख 56 हजार 896 शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान समग्र शिक्षा अभियान से होता है। 66,104 शिक्षकों के वेतनादि के भुगतान के लिए राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को राशि जारी किए जाने के बाद बाकी दो लाख 56 हजार 896 शिक्षकों के वेतनादि के भुगतान की मांग उठ खड़ी हुई है।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार एवं प्रवक्ता प्रेमचन्द्र ने कहा है कि दो लाख 56 हजार 896 नियोजित शिक्षकों एवं 15000 उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों के लिए, जिनका समग्र शिक्षा अभियान मद से वेतन का भुगतान होता है, का आवंटन अब तक नहीं आने से शिक्षकों में निराशा का माहौल है। शिक्षकों का तीन से चार महीने का वेतन बकाया है। जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है।
शिक्षकों की ड्यूटी कोरोनावरियर्स के रूप में विभिन्न जगहों पर लगी हुई है। कोरोना संक्रमण से सैकड़ों शिक्षक अब तक प्राण गंवा चुके हैं। सैकड़ों शिक्षक या तो अपने घरों में क्वॉरेंटाइन है या चिकित्सालय में अपना इलाज एडमिट होकर करा रहे हैं। ऐसे में शिक्षक कर्ज के बोझ से दबे हैं। स्थिति के मद्देनजर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा के हस्ताक्षर से अनुरोध पत्र मुख्यमंत्री बिहार एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को मेल से भेजा गया है। उसमें सरकार से अनुरोध किया गया है कि ईद जैसे महापर्व को ध्यान में रखते हुए राशि का भी आवंटन जारी किया जाय।
दूसरी ओर टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रवक्ता अश्विनी कुमार पांडेय ने समग्र शिक्षा अभियान के शिक्षकों के वेतनादि के भुगतान के लिए अविलंब राशि जारी करने का आग्रह सरकार से किया है। उन्होंने कहा है कि पिछले चार महीने से वेतन एवं दो साल से एरियर बकाया है। गुहार व आंदोलन के बाद एक महीने का वेतन जारी किया गया, वह भी कई जि़लों को नहीं मिला, जबकि नियोजित शिक्षक सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका में रहते हैं।
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही कोरोना जैसी महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में भूमिका निभा रहे हैं। ईद जैसा महापर्व सिर पर है, लेकिन शिक्षकों को भुगतना होता नहीं दिख रहा है। सरकार अविलंब समग्र शिक्षा अभियान मद में आवंटन जारी करे।