पटना

पटना: 29 जिलों में शुरू होगी शिक्षा की अनूठी योजना


कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहींमें बच्चों के साथ माताएं करेंगी पढ़ाई

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 29 और जिलों में  शिक्षा की अनूठी योजना शुरू होगी। योजना का नाम है- ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’। इसके लिए ‘प्रथम’ के साथ करार होगा। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग समुदाय के बच्चों की शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग के जन शिक्षा निदेशालय तथा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही ‘प्रथम’ संस्था के साथ एकरारनामा हुआ था। इसके तहत प्रथम संस्था द्वारा बिहार के नौ जिलों में कार्यरत शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) की कार्यशैली को सुदृढ़ बनाने की बात थी।

इन नौ जिलों में नालंदा, वैशाली, अरवल, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं सुपौल शामिल हैं। ‘प्रथम’ के सहयोग से संबंधित नौ जिलों में शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) की कार्यशैली में परिवर्तन आया है। इसके साथ ही लक्षित वर्ग के बच्चों एवं उनकी माताओं की शिक्षा एवं साक्षरता में सुधार हुआ है। जन शिक्षा निदेशालय एवं ‘प्रथम’ के संयुक्त प्रयास से चलाये गये कार्यक्रम ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ के सकारात्मक परिणाम सामने आये।

इसके मद्देनजर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा मंगलवार को बाकी 29 जिलों में भी ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जन शिक्षा निदेशालय का ‘प्रथम’ के साथ एकरारनामे का निर्णय भी लिया गया है। इसके तहत जिन बाकी 29 जिलों में ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम चलेगा, उसमें पटना सहित बक्सर,  भोजपुर, कैमूर, रोहतास,  गया, नवादा, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सारण, गोपालगंज, सिवान, मुंगेर, खगडिय़ा,  शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, भागलपुर, बांका, सहरसा एवं मधेपुरा शामिल हैं।

खास बात यह है कि ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम में बिहार सरकार की कोई अतिरिक्त वित्तीय भागीदारी नहीं होती है। ‘प्रथम’ द्वारा स्वैच्छिक सहयोग के तहत इसमें प्रणालीगत सुधार की कोशिश की जाती है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने उम्मीद जतायी कि इससे बिहार में खास तौर से महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चों एवं उनकी माताओं की शिक्षा तथा साक्षरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ हुई बैठक में ‘प्रथम’ के रिजनल हेड संजय कुमार, स्टेट हेड मो. नैयर आलम, प्रोजेक्ट प्रभारी सरोज कुमार झा तथा जन शिक्षा निदेशालय की ओर से सहायक निदेशक रमेश चन्द्र एवं परामर्शी प्रीति परिहार उपस्थित थीं।