पटना

परीक्षार्थियों को जूते-मोजे की छूट, फिर भी चप्पल में दे रहे परीक्षा


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। जूते-मोजे पहनने की छूट के बावजूद ऐसे भी परीक्षार्थी हैं, जो चप्पल में ही इंटरमीडिएट की परीक्षा देने पहुंच रहे हैं। ऐसी बात नहीं कि ऐसे परीक्षार्थियों के पास जूते-मोजे नहीं हैं। चप्पल में परीक्षा देने वाले सभी परीक्षार्थी जूते-मोजे वाले हैं। इनमें ऐसे भी परीक्षार्थी हैं, जिनके पास कई जोड़े जूते हैं। बावजूद, चप्पल में इसलिए परीक्षा दे रहे हैं कि तलाशी में जूते-मोजे खोलने और फिर से पहनने में समय बर्बाद होने से बचायें।

कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की परीक्षाओं में बैठने वाले परीक्षार्थियों के लिए जूते-मोजे में परीक्षा देने पर पाबंदी है। लेकिन, कड़ाके की पड़ रही ठंड की वजह से इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा में अपवाद स्वरूप परीक्षार्थियों को जूते-मोजे पहन कर परीक्षा देने की अनुमति बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा दी गयी है।

लेकिन, परीक्षा के पहले दिन परीक्षा केंद्रों के प्रवेश द्वार पर जब परीक्षार्थियों की तलाशी शुरू हुई, तो तलाशी लेने वाले चौंके बिना नहीं रह सके। उनके चौंकने की वजह वैसे परीक्षार्थी थे, जिन्होंने महंगे पैंट, शर्ट, स्वेटर, जैकेट पहन रखे थे, लेकिन पैरों में चप्पल ही थे।

ऐसे में तलाशी लेने वालों की आंखों में इस सवाल का तैरना स्वाभाविक है कि जूते-मोजे पहनने की छूट के बावजूद कड़ाके की सर्दी में ऐसे परीक्षार्थी हवाई चप्पल या स्लीपर में क्यों आये? इस सवाल का जवाब खुद  हवाई चप्पल या स्लीपर में परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों ने ही किया। ऐसे परीक्षार्थियों का तर्क है कि तलाशी लेने वाले भला उन पर क्यों भरोसा करेंगे कि उन्होंने जूते-मोजे में चिट-पुर्जे नहीं छुपा रखे हैं।

जब भरोसा ही नहीं करेंगे, तो प्रवेश द्वार सुरक्षाकर्मी और परीक्षा कक्ष में वीक्षक जूते-मोजे खुलवायेंगे ही। तो, दो-दो बार जूते-मोजे खोलने और पहनने में समय और ऊर्जा क्यों बर्बाद करें। यह भी संभव परीक्षा कक्ष में औचक निरीक्षण में पहुंचने वाले अधिकारी भी शक होने पर जूते-मोजे खुलवायें।

ऐसे परीक्षार्थियों की मानें, तो परीक्षा के दौरान जूते-मोजे खोलने और पहनने का असर उनकी एकाग्रता पर भी पड़ता है। एकाग्रता टूटने से मन:स्थिति बिगड़ती है। इससे परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर देने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

तो, चप्पल में परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी इस बात से खुश हैं कि परीक्षा केंद्र में न तो वे अपना समय बर्बाद होने दे रहे हैं और न ही अपनी मन:स्थिति ही बिगडऩे दे रहे हैं। बहरहाल, चप्पल वाले परीक्षार्थी तलाशी लेने वालों के दिलों में भी जगह बना चुके हैं।