मऊ

मऊ में पहली बार वापस हुई कमान से निकली तीर                 सेर की सवासेर से हुई भेंट,गेट से बैरंग लौटी अस्पताल सील करने पहुंची टीम                                दरोगा ने मजिस्ट्रेट को समझाया-डीएम,एसडीएम से नहीं,नियम से चलेगा जिला 


    मऊ।जनपद में मंगलवार की देर रात पहली बार कमान से निकली तीर तब वापस हुई,जब सेर की सवासेर से भेंट हो गयी और एक लब्ध प्रतिष्ठित चिकित्सक की आलीशान बिल्डिंग सील करने पहुंचे एसडीएम,सीओ सिटी और तमाम अधिकारियों को गेट से ही बिना कुछ किये बैरंग वापस लौटना पङा,जिसमें वह अपनी एमडी रेडियोलाजिस्ट बहू के लिए अस्पताल का उद्घाटन कर रहे थे।चिकित्सक के समर्थन में पहुंची वरिष्ठ अधिवक्ता दरोगा सिंह की टीम ने उद्घाटन के मौके पर अस्पताल सील करने पहुंचे मजिस्ट्रेट को समझा दिया कि जिला डीएम-एसडीएम से नहीं,नियम से चलेगा।बताया जाता है कि सरकार को हर साल एक करोड़ का टैक्स देने वाले जाने-माने चिकित्सक डाक्टर पीएल गुप्ता की बहू सुकृति वर्मा के अस्पताल के उद्घाटन के ऐन वक्त पर लाव-लश्कर के साथ पहुंचे मजिस्ट्रेट ने जब अस्पताल सीज करने के लिए आने का उद्देश्य बताया तो चिकित्सक को बङा ही नांगवार लगा।पास के अपने दूसरे अस्पताल में आपरेशन कर रहे श्री गुप्ता नंगे पांव आपरेशन छोड़कर मौके पर पहुंचे।तब तक चिकित्सक के मान-सम्मान से जुड़ी यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी।चिकित्सक के करीबी और आमंत्रित लोगों की भीङ उमङ पङी।जिसमें सिविल कोर्ट सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता दरोगा सिंह भी शामिल थे।उन्होंने मजिस्ट्रेट को ऐसी झाङ पिलायी कि उनकी सिट्टी-पिट्टी ही गुम हो गयी।मजिस्ट्रेट ने अपनी बेइज्जती की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी।जिन्होंने मौके पर तैनात रहने का निर्देश दिया।जिसके अनुपालन में मजिस्ट्रेट घंटों अस्पताल के बाहर खङे रहे।उधर,अस्पताल के उद्घाटन समारोह में पहुंचने वालों की भीङ लगातार बढती जा रही थी,जो कानून-व्यवस्था के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थी।उधर,एसडीएम निरंकार सिंह,अतिरिक्त मजिस्ट्रेट आशुतोष राय,सीओ सिटी राम नरेश घंटों बाद देर रात मौके पर पहुंचे तब तक अस्पताल का उद्घाटन और आगंतुकों का डिनर कार्यक्रम सम्पन्न हो गया था।फिर भी भीङ टस से मस होने का नाम नहीं ले रही थी।एसडीएम का कहना था कि अस्पताल भीटे की जमीन पर बना है।जबकि,चिकित्सक का कहना था कि अस्पताल दो साल से बन रहा था।प्रशासन ने एक नोटिस तक नहीं दी।मामला राजस्व परिषद में विचाराधीन होने के बावजूद उद्घाटन के मौके पर एकाएक अस्पताल सील करने पहुंचना सरासर गुंडागर्दी है।यह गुंडागर्दी अब बर्दाश्त के बाहर हो गयी है।चिकित्सक के समर्थकों के दबाव में अंततः प्रशासन को मौके से बैरंग वापस लौटना पङा।एसडीएम निरंकार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अदालत का अंतिम निर्णय आने तक यथा स्थिति बनाये रखनेे के लिए चिकित्सक को कहा गया है।एसडीएम के यथा स्थिति के आदेश का निहितार्थ ढूंढने में समूचा जिला लग गया है।अस्पताल का उद्घाटन हो गया,मशीनें स्थापित हो गयीं।अस्पताल चलेगा या नहीं?यह संशय फिलहाल बरकरार है।