राष्ट्रीय

पाकिस्तानकी ड्रोन साजिश नाकाम


नयी दिल्ली (आससे)। भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की फिराक में लगे पाकिस्तान ने एक बार फिर से सीमा पर गुस्ताखी की है। पंजाब के गुरदासपुर में भारत-पाकिस्तान बार्डर इलाके से भारत में आतंक फैलने की पाकिस्तान की साजिश बेनकाब हुई है। सुरक्षाबलों को गुरदासपुर में भारी संख्या में ग्रेनेड मिले हैं। पंजाब के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने गुरदासपुर जिले में 11 हैंड ग्रेनेड जब्त किए हैं। संदेह है कि ये सभी ड्रोन पाकिस्तान की सीमा से ड्रोन के जरिए गिराये गये हैं। संदेह है कि ये सभी ग्रेनेड पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक आयुध कारखाने द्वारा बनाया गये हैं। दरअसल, शनिवार की देर रात चकरी बॉर्डर पोस्ट पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने भारतीय क्षेत्र में एक ड्रोन को एंटर करते देखा था। शनिवार देर रात पाकिस्तान की तरफ से आए एक ड्रोन पर बीएसएफ के जवानों ने कई राउंड फायरिंग की। इसके बाद पंजाब पुलिस ने भी फायरिंग की, मगर मार गिराने में सफल नहीं हो पाये। इसके बाद ड्रोन वापस पाकिस्तान की तरफ लौट गया।
इसके बाद पुलिस और बीएसएफ की टीम ने रविवार सुबह स्लाच गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया और 11 हैंड ग्रेनेड बरामद किए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ग्रेनेड का बॉक्स एक लकड़ी के फ्रेम से जुड़ा हुआ था और एक नायलॉन की रस्सी के सहारे ड्रोन से जमीन पर उतारा गया था।
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक बॉक्स में पैक आर्जे टाइप एचजी-84 श्रृंखला के ग्रेनेड की खेप पिछले 15 महीनों में सीमा पार से आतंकवादियों के लिए देश में तस्करी की गयी आग्नेयास्त्रों (फायर आर्म्स) और ग्रेनेड की जब्ती का आठ उदाहरण है। गौरतलब है कि एचजी-84 ग्रेनेड की रेंज 30 मीटर रेडियस तक होती है। एचजी-84 ग्रेनेड का इस्तेमाल भारत में 2008 मुंबई आतंकी हमले, 1993 आतंकी हमले, 2001 संसद हमले में भी हुआ है।
यह जब्ती ऐसे वक्त में सामने आयी है, जब खूफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों को पाकिस्तानी आईएसआई के चीन से ड्रोन का अपग्रेड वर्जन खरीदने के कदम को लेकर आगाह कर दिया था। दरअसल, पाकिस्तान ज्यादा से ज्यादा फायरआर्म की तस्करी करने के लिए चीन के बने उन्नत ड्रोन का इस्तेमाल करता है।