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पाकिस्तान की इस साल कोरोना वैक्सीन खरीदने की कोई योजना नहीं


  • कोरोना महामारी पूरीदुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है और फिलहाल वैक्सीन ही इससे निजात पाने का एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है। दुनिया भर के देश अपने नागरिकों को वैक्सीन मुहैया कराने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन इस बीच पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

दरअसल पाकिस्तान की सरकार ने अभी तक कम से कम इस साल कोरोना की वैक्सीन खरीदने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। इमरान खान की सरकार फिलहाल पाकिस्तान में कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर्ड इम्यूनिटी और साथी देशों से मुफ्त में मिल सकने वाली कोरोना वैक्सीन पर ही निर्भर रहना चाहती है।

पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक नेशनल हेल्थ सर्विसेज (NHS) के सेक्रटरी आमिर अशरफ ख्वाजा ने गुरुवार को पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।

नेशनल इंस्टट्यूट ऑफ हेल्थ एग्जक्यूटीव के डायरेक्टर मेजर जनरल आमिक आमेर इकराम के अनुसार चीन के कोरोना वैक्सीन CanSino के एक डोज की कीमत 13 डॉलर है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और मित्र देशों जैसे चीन पर अभी इस मामले में निर्भर है।

चीन और दूसरे देशों से मुफ्त मिलने वाले कोरोना टीके का इंतजार

एनएचएस सेक्रेटरी ने गुरुवार को बताया कि चीन की कंपनी सिनोफार्म ने पाकिस्तान को 10 लाख कोरोना की वैक्सीन देने का वादा किया है। इसमें करीब आधे पाकिस्तान के पास पहुंच भी गए हैं। पाकिस्तान पहुंचे इन वैक्सीन में अभी तक करीब 275,000 डोज कोरोना का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए हैं।

एनएचएस सेक्रेटरी ने ये भी कहा कि दूसरे चरण में अन्य स्वास्थकर्मियों को टीका दिया जाएगा। साथ ही 65 साल से ऊपर के लोग भी टीके के लिए मोबाइल मैसेज भेज कर पंजीकरण करा सकते हैं। पाकिस्तान का इस साल तक अपने देश में 7 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका देने का लक्ष्य है।

एनएचएस सेक्रेटरी के मुताबिक पाकिस्तान को भारत में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 की वैक्सीन के एक करोड़ 60 लाख डोज भी मिलने के अनुमान हैं। पाकिस्तान को भारत में बना टीका ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स ऐंड इम्यूनाइजेशन (Gavi) के जरिए मिल सकता है। इससे पाकिस्तान की करीब 20 प्रतिशत आबादी को टीका दिया जा सकेगा।