- काबुल: अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान और नॉर्दन एलायंस के बीच जंग जारी है. इस बीच पंजशीर घाटी में तालिबान की खूनी हिंसा का भारी विरोध हो रहा है और लोग बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतर रहे हैं. लोगों ने तालिबान का विरोध किया और पाकिस्तान के खिलाफ भी जोरदार नारे लगाए. बता दें कि पंजशीर में तालिबान कब्जे के पीछे पाकिस्तान और उसकी वायुसेना का हाथ बताया जा रहा है.
प्रदर्शन से बौखलाया तालिबान
अफगानिस्तान में पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ उठती आवाजों से तालिबान बौखला गया है और प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गोलीबारी की है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने गोलियां चलाई हैं. इसमें कई महिलाओं और बच्चों के घायल होने की खबर है.
पाकिस्तान को बाहर निकालने के लिए प्रदर्शन
पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल और तालिबान का साथ देने से अफगानिस्तान के लोगों में गुस्सा है और वे लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर्स हैं, जिनपर पाकिस्तान के खिलाफ स्लोगन लिखे हुए है. प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. महिलाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.
तालिबान ने पंजशीर पर कब्जे का किया दावा
तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर (Panjshir) को नियंत्रण में लेने का दावा किया है. सुरक्षा कारणों से पहचान गोपनीय रखते हुए चश्मदीदों ने बताया कि हजारों की संख्या में तालिबान लड़ाकों ने पूरी रात कार्रवाई कर पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर पुष्टि की कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है.
अमरुल्लाह सालेह ने संभाली रेजिस्टेंट फोर्स की कमान
तालिबान (Taliban) ने ये दावा किया है कि उसने नेशनल रेजिस्टेंट फोर्स को हराकर पंजशीर (Panjshir) को कब्जे में कर लिया है, लेकिन Zee Media को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब अफगानिस्तान नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट (Afghan National Resistance Front) की कमान सीधे अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने संभाल ली है और वो तालिबानी लड़ाकों पर पहाड़ी इलाकों से हमले कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने एक खास रणनीति के तहत अपनी फोर्सज को पहाड़ के उन इलाकों में तैनात कर दिया है, जिनके बीच से पंजशीर (Panjshir) की तरफ जाने के लिए सड़क गुजरती है. पहाड़ की ऊंचाइयों पर बैठकर रेजिस्टेंट फोर्स तालिबान पर हमले कर रही है. सूत्रों ने तालिबान के उस दावे को फर्जी करार दिया है, जिसमें उसने ये दावा किया था कि कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देश भाग गए हैं.