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पाकिस्तान ने चीन की मदद से बनाई कोरोना वैक्सीन, PakVac को बताया ‘इंक़लाब’


  • पाकिस्तान सरकार ने चीन की मदद से अपने देश में तैयार कोरोना की पहली वैक्सीन को ‘इंक़लाब’ बताया है. पाकवैक (PakVac) नाम के इस टीके को मंगलवार को लॉन्च किया गया.

पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री असद उमर ने इसे एक अहम दिन बताते हुए कहा कि पाकिस्तान की ये वैक्सीन किसी क्रांति से कम नहीं है.

उन्होंने इसके लिए पाकिस्तान की स्वास्थ्य टीमों के साथ चीन के सहयोगियों का भी आभार जताया, जिन्होंने वैक्सीन के उत्पादन की व्यवस्था करने में मदद की.

हालाँकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि पाकिस्तान में अभी टीका लगवाने आ रहे लोगों की पहली पसंद चीन में बनी वैक्सीन साइनोफ़ार्म ही है, पश्चिम में बनी वैक्सीन नहीं.

असद उमर ने कहा, “हमारे यहाँ लोग जब टीकाकरण केंद्रों पर जाते हैं और उन्हें बताया जाता है कि ये ऐस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन है, तो वो साइनोफ़ार्म माँगते हैं, और जब उनसे कहा जाता है कि ये नहीं है, तो वो वापस चले जाते हैं.”

उनका कहना था कि ‘हमने सर्वे करवाया जिसमें सारी वैक्सीनों के नाम थे, लेकिन पूरे पाकिस्तान में लोगों की सबसे पहली पसंद साइनोफ़ार्म थी’.

मंत्री उमर ने कहा, “लेकिन हमें पाकवैक को भी बढ़ावा देना पड़ेगा क्योंकि इसे हमने मिलकर तैयार किया है. ये एक इंक़लाब है.”

चीन ने कैसे की मदद?

इस मौक़े पर स्वास्थ्य मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉक्टर फ़ैसल सुल्तान ने कहा कि पाकिस्तान कठिन चुनौतियों को अपने साथियों की मदद से अवसर में बदलने की कोशिश कर रहा है.

डॉक्टर फ़ैसल सुल्तान ने कहा कि कोविड-19 का सामना करने में ‘हमारा दोस्त चीन हमारे सबसे क़रीब रहा.’

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की वैक्सीन बनाने के लिए ‘चीन ने कच्चा माल दिया है लेकिन इसके बाद भी इसे विकसित करना आसान नहीं था.’

डॉक्टर सुल्तान ने बताया कि इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा.

पाकिस्तान के अख़बार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकवैक वैक्सीन को चीन की सरकारी फ़ार्मास्युटिकल कंपनी कैन्सिनो ने विकसित किया है और उसे कॉन्सन्ट्रेटेड रूप में पाकिस्तान लाया जा रहा है, जहाँ इसे इस्लामाबाद स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ (NIH) में पैकेज किया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार कैन्सिनो की वैक्सीन चीन की पहली वैक्सीन थी, जिसका पाकिस्तान में क्लीनिकल ट्रायल किया गया था और इसे 18,000 लोगों को दिया गया था.

डॉक्टर फ़ैसल सुल्तान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, “NIH में आज एक फ़ैसिलिटी शुरू की गई है जहाँ वैक्सीन को मिलाया, भरा और तैयार किया जाएगा. ये आत्मनिर्भरता को हासिल करने की यात्रा में एक मील का पत्थर है.”