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पूरे देश में एक जनवरी से लागू हुई मुफ्त राशन योजना,


नई दिल्ली। गरीबों को मुफ्त राशन बांटने की खाद्य सुरक्षा योजना एक जनवरी (रविवार) से देशभर में लागू हो गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत उपभोक्ताओं को मिलने वाले अनाज का अब कोई पैसा नहीं वसूला जाएगा। योजना के अमल को पुख्ता करने के लिए केंद्र व राज्य स्तर के अधिकारियों को मौका मुआयना करने का निर्देश दिया गया है। देभभर में खोली गई 5.33 लाख राशन की सरकारी दुकानों के मार्फत कुल 81.35 करोड़ उपभोक्ताओं को मुफ्त अनाज बांटा जाएगा। यह योजना 31 दिसंबर 2023 तक के लिए है।

अधिकारियों को देनी होगी रिपोर्ट

इस योजना में किसी तरह की चूक को रोकने के लिए जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों को राशन दुकानों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। एनएफएसए में संशोधन करते हुए उपभोक्ताओं को पूरे एक साल तक मुफ्त अनाज देने का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले सप्ताह ही लिया था। इसके तहत गरीबों को एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनाज का वितरण होता रहेगा, लेकिन उनसे कीमतें नहीं वसूली जाएंगी। जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बांटे जाने वाले अनाज को रियायती दरों पर दिए जाने का प्रविधान था, जिसमें संशोधित कर अगले सालभर तक के लिए मूल्य को हटा लिया गया है।

खर्च का ब्योरा तैयार

मालूमह हो कि इससे सरकारी खजाने पर कुल दो लाख करोड़ रुपए का बोझ आएगा। मुफ्त अनाज वितरण करने वाले राशन दुकानदारों को दिए जाने वाले खर्च का भी ब्यौरा तैयार कर लिया गया है, जिसका भुगतान खाद्य सब्सिडी से किया जाएगा। इस एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उन सभी उपभोक्ताओं को पहले ही भांति दिया जाएगा। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि कहीं कोई उपभोक्ता योजना के दायरे से बाहर न हो जाए। इसके लिए पूरा प्रबंध किया गया है।

रौजाना करना होगा भौतिक निरीक्षण

संशोधित योजना के एक जनवरी से लागू के साथ ही एफसीआई के महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों को पहले सप्ताह में रोजाना कम से कम तीन राशन दुकानों का भौतिक निरीक्षण करना होगा। उन्हें योजना के लागू होने के बारे में विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट तैयार करनी होगी। कुछ राज्यों में योजना के लागू होने से पहले ही उन्हें राशन कार्ड से बेदखल करने की खबरें आ रही हैं। ऐसे मामलों को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठा सकती है।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने दिया विस्तृत दिशानिर्देश

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने संशोधित योजना के लागू करने संबंध में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को विस्तृत दिशानिर्देश भेजकर ताकीद कर दिया है। इसके पहले बीते सप्ताह ही खाद्य सचिव ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर योजना के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें आवश्यक निर्देश दे दिए गए। खाद्य मंत्रालय का कहना है कि सरकार की राष्ट्र के लोगों के प्रति सामाजिक और कानूनी प्रतिबद्धता है। ‘वन नेशन-वन राशन’ के दृष्टिकोण से पर्याप्त व गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की उपलब्धता के माध्यम से उपभोक्ताओं को खाद्य और पोषण सुरक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके एक गरिमापूर्ण जीवन देना सरकार का उद्देश्य है।