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पूर्व दिग्गज का PCB अध्यक्ष को जवाब, रोहित और विराट को पाकिस्तान लीग में भेज दिया फिर भी पैसे नहीं जुटा पाओगे


नई दिल्ली, । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बहुप्रतिष्ठित टी20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग को आज दुनिया के सबसे पापुलर लीग के तौर पर जाना जाता है। आइपीएल आज अपने आप में एक बड़ा ब्रांड बन चुका है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसके देखा देखी अपने यहां पाकिस्तान सुपर लीग की शुरुआत की लेकिन पैसा जुटाने में नाकाम रही। अब बोर्ड के नए अध्यक्ष रमीज रजा का कहना है कि वह अपने टी20 लीग को भारतीय लीग के मुकाबले खड़ा करके दिखाएंगे।

पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘अधिकार को बेचने पर पैसे मिलते हैं, इसका आधार आप किसी लीग और उसकी टीम का आंकलन करने के बाद लगाते हैं। इसके बाद आप अपने पर्स की तरफ देखते है तब जाकर आपके लीग शुरुआत होती है। चाहे इसे ड्राफ्ट के जरिए किया जाए या फिर खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया हो। रमीज भाई ने कहा कि जब पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) में नीलामी होगी तो खिलाड़ियों को मिलने वाली रकम भी बढ़ेगी जो एक बात है। लेकिन आप पीएसएल में किसी भी खिलाड़ी को 16 करोड़ में बिकते हुए नहीं देखने वाले हैं। यह संभव ही नहीं है। जैसा बाजार वहीं पर है वो आपको ऐसा करने की इजाजत ही नहीं दे सकता। यह बेहद ही साधारण सी बात है।”

आगे उन्होंने कहा, “जो सबसे बड़ी चीज है कि भारत में लोग हैं जो इस खेल को देखते हैं, यहां पर ऐसे लोग हैं जो इसके लिए काफी सारा पैसा देते हैं। हमारी जो 130 करोड़ की आबादी है वो इसके लिए बेहद कारगर साबित होती है। हमारे यहां की आबादी ही संपत्ति समान है।”

“आपको पास 100 करोड़ की आबादी नहीं है। मान लीजिए अगर रोहित शर्मा पीएसएल में खेलेंगे तो आपको क्या लगता है कि जो प्रसारणकर्ता पहले टूर्नामेंट में 7000 करोड़ लगा रहे थे वो अचानक से इसे बढ़ाकर 35000 करोड़ कर देंगे। ऐसा नहीं है कि विराट कोहली या रोहित शर्मा पीएसएल में खेलेंगे तो ज्यादा से ज्यादा लोग पाकिस्तान में इसे देखना शुरू कर देंगे। आप 10 फीसदी एनआरआई दर्शकों की संख्या में इजाफा की उम्मीद कर सकते हैं लेकिन इससे रातों रात अचानक से आपके टूर्नामेंट का मूल्य नहीं बढ़ जाएगा।”

भारत में टूर्नामेंट के लिए दर्शक है, यह सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों तक ही सामित नहीं है, यह उन खिलाड़ियों तक सीमित नहीं जो सैलरी उठाते हैं, यह नीलामी या ड्राफ्ट तक ही सीमित नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि कोई भी इंडियन प्रीमियर लीग के साथ टक्कर में आ सकता है। रमीज भाई मैं आपका पूरा सम्मान करता हूं लेकिन सच यही है कि क्रिकेट की इकोनॉमी ड्राफ्ट या आक्शन से नहीं सही होने वाली ।