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पेंडोरा पेपर्स : भारतीय हस्तियों की विदेशों में संपत्ति का खुलासाकई बड़े नाम शामिल


  1. निया भर की 14 कंपनियों से मिलीं लगभग एक करोड़ 20 लाख फाइलों की समीक्षा से विश्व के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के उन निवेशों का खुलासा हुआ है, जिन्हें पिछले 25 साल से हवेलियों, समुद्र तट पर बनीं विशेष संपत्तियों, नौकाओं और अन्य संपत्तियों के माध्यम से छुपाकर रखा गया था।

लीक हुए दस्तावेजों से छुपाई गई वित्तीय जानकारियों का हुआ खुलासा

‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई। इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स’ (भानुमति से पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया।

भारत के भी कई उद्योगपतियों और हस्तियों ने नाम भी पेपर्स में शामिल

  • अनिल अंबानी- देश के मशहूर उद्योगपति और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम भी इन पेपर्स में है। मिली जानकारी के अनुसार अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों की जर्सी, आईलैंड्स और साइप्रस में 18 ऑफशोर कंपनियां हैं। वहीं यह सभी कंपनियां 2007 से 2010 के बीच बनी हैं। कई कंपनियों ने कर्ज लिया और 1.3 बिलियन डॉलर (9648 करोड़ रुपये से ज्यादा) का निवेश किया है।
  • नीरव मोदी- इस लिस्ट में नीरव मोदी का नाम भी शामिल है। बैकों के करोड़ों रुपये लेकर देश से फरार हुए बिजनेसमैन नीरव मोदी जनवरी 2018 में देश छोड़कर भागने से एक महीने पहले ही उनकी बहन पूर्वी मोदी ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में एक कंपनी बनाई थी।
  • किरन मजूमदार शॉ के पति- इसी साल जुलाई में सेबी ने एलेर्गो कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और इसके सबसे ज्यादा शेयरहोल्डर कुनाल अशोक कश्यप पर अगले एक साल तक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी थी। कुनाल पर गलत तरीके से साढ़े तीन साल में 12 फीसद के ब्याज के साथ 24.68 लाख रुपये कमाने का आरोप है जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी। कुनाल कश्यप जुलाई 2015 में मॉरिशस में बनी ग्लेनटेक इंटरनेशनल द्वारा बनाए गए डीनस्टोन ट्रस्ट के सेटलर हैं। वहीं ग्लेनटेक के 99 फीसद शेयर मैक्कलुम मार्शल शॉ के पास हैं। बता दें कि मैक्कलुम मार्शल शॉ एक ब्रिटिश सिटिजन हैं और किरन मजूमदार शॉ के पति हैं।
  • सचिन तेंदुलकर – मास्टर ब्लास्टर और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम भी पंडोरा पेपर्स में शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार इन पेपर्स में सचिन के साथ उनकी पत्नी अंजली तेंदुलकर, ससुर आनंद मेहता का भी नाम है।

विनोद अडाणी, जैकी श्रॉफ समेत 300 भारतीय लोगों के भी नाम

‘पेंडोरा पेपर्स’ में सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, नीरा राडिया, सतीश शर्मा, जैकी श्रॉफ, नीरव मोदी और किरण मजूमदार-शॉ समेत 300 भारतीय लोगों के नाम हैं। वहीं किरण मजूमदार शॉ ने सोमवार को कहा कि ‘पेंडोरा पेपर्स’ में उनके पति के विदेश स्थित ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से शामिल किया गया है और यह संगठन ‘वास्तविक’ और ‘वैध’ है।किरण मजूमदार शॉ बोलीं- पति के विदेशी ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से दिया गया

जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन की प्रमुख मजूमदार-शॉ ने कहा कि “पेंडोरा पेपर्स से जुड़ी मीडिया की खबरों में मेरे पति के विदेशी ट्रस्ट का नाम गलत तरीके से शामिल किया जा रहा है जो एक वास्तविक, वैध ट्रस्ट है और स्वतंत्र ट्रस्टियों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। भारत में रहने किसी भी व्यक्ति के पास ट्रस्ट की ‘कुंजी’ नहीं है, जैसा कि इन खबरों में आरोप लगाया गया है।”

इन गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए 330 से अधिक वर्तमान और पूर्व नेताओं में ये नाम शामिल

बता दें कि इन गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए 330 से अधिक वर्तमान और पूर्व नेताओं में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी शामिल हैं।

अधिकतर खातों का इस्तेमाल कर चोरी करने और पूंजी को छुपाने के लिए किया गया

रिपोर्ट में जिन अरबपतियों के नाम सामने आए हैं, उनमें तुर्की के कारोबारी एर्मन इलिकैक और सॉफ्टवेयर निर्माता रेनॉल्ड्स एंड रेनॉल्ड्स के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रॉबर्ट टी. ब्रोकमैन शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर खातों का इस्तेमाल कर चोरी करने और पूंजी को छुपाने के लिए किया गया। यूरोप की संसद में ‘ग्रीन’ पार्टी के सांसद स्वेन गीगोल्ड ने कहा, ”लीक हुए नए आंकड़ों के बाद सभी को सतर्क हो जाना चाहिए। वैश्विक कर चोरी से वैश्विक असमानता पैदा होती है। हमें इससे निपटने के प्रयासों को विस्तार देने की आवश्यकता है।”