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पेगासस मामले समेत कई मुद्दों को लेकर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, स्थगित


  • लोकसभा में गुरुवार को पेगासस जासूसी विवाद, केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानूनों तथा अन्य मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इस कारण से सदन में अब तक कामकाज बाधित रहा है और कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। विपक्ष के शोर-शराबे और नारेबाजी को लेकर सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई।

इससे पूर्व, आज सुबह बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा एक दिन पहले सदन में कागज उछालने की घटना को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद 11:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार की घटना को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की और सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में संसद की गरिमा के प्रतिकूल घटनाओं की पुनरावृत्ति की गई तो वह कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि 28 जुलाई को सदन में घटी घटना से उन्हें अत्यंत पीड़ा हुई है। आसन की ओर पर्चे और कागज फेंकना हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।

बिरला ने कहा, ”हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तब संसदीय लोकतंत्र कैसे बचेगा।” उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि सदस्यों को बात रखने का पर्याप्त समय और अवसर दें तथा उनका सम्मान हो। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से पूछा, ”क्या आप कल की घटना को संसद की गरिमा के अनुरूप मानते हैं, क्या आप इसे न्यायोचित मानते हैं?”

उन्होंने कहा कि अगर आसन से जुड़ा कोई प्रश्न हो तो ”हमारे कक्ष में आकर बात रख सकते हैं”। बिरला ने कहा कि संसद की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है क्योंकि आप (सांसद) एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था हैं और लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि आसन के प्रति कल कुछ सदस्यों का आचरण अनुचित था। सदस्य अपने आचरण एवं मर्यादाओं का ध्यान रखें। इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने दे रही है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आसन और सत्तापक्ष एवं मीडिया की ओर कागज फेंके गये। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही तरीका है और विपक्ष के सदस्य इस पर माफी मांगने की जरूरत भी नहीं समझ रहे हैं। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।