पटना

प्रतिभा बिखेरने का केन्द्र है किलकारी : विजय चौधरी


विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हुए सम्मानित, कई पुस्तकों का विमोचन, किलकारी में बाल दिवस पर कार्यक्रम

(आज समाचार सेवा)

पटना। किलकारी द्वारा बिहार बाल भवन में आयोजित बाल दिसव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि किलकारी एक ऐसी संस्था है जहां बच्चे कलात्मक क्षमता को निखारती है। यहां बच्चों अपनी प्रतिभा बिखेरने की अवसर मिलता है। किलकारी संस्था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बच्चों को अपनी प्रतिभा के मुताबिक समाज में आगे बढऩे एवं अच्छे माहौल बनाने के लिए स्थापित की है।

उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि किलकारी संस्था आने वाले समय में अपने मकसद में कामयाब होगा। आज के बच्चे ही कल के भविष्य है। किलकारी अपने आप में अनोखा काम कर रही है। उन्होंने कार्यक्रम को सफल, आकर्षक एवं उपयोगी बताया। बच्चों के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं होती, बस उनको सही मार्गदर्शन की जरूरत है। बिना दिल से काम किये हुए सफलता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि विद्यालय में नियमित शिक्षा मिल रही है। स्कूलों में कई प्रकार के योजना भी चल रहे है। बच्चों को छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल आदि मिल रही है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रम आयोजन करने के लिए किलकारी के निदेशक ज्योति परिहार को धन्यवाद दिया है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि आज बाल दिवस है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्मदिन है। इसी के अवसर पर आज के दिन बाल दिवस मनाते है। उन्होंने कहा कि किलकारी भवन में आयोजित बाल दिवस कार्यक्रम देखकर बहुत ही सुखद अनूभूति हुई है। शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना सरकार की प्रथम प्राथमिकता है। शिक्षा से बेहतर समाज, चरित्र, मानसिकता, देश एवं राज्य के अच्छे व्यक्ति बन सकते है।

उन्होंने कहा कि बच्चों के अभिभावक से आह्वान किया है कि अपने बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करें। बच्चों को अपने खुद को निर्णय लेने दीजिए। बच्चों में जिस क्षेत्र में रूचि है, उस क्षेत्र में जाने दीजिए। ताकि, वह बेहतर कर सके। उन्होंने कहा कि हर जिले में एक किलकारी हो। लेकिन, जमीन की परेशानी है। आने वाले कुछ वर्षो में गया, पूर्णिया जिले में किलकारी होंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जो पुस्तक का विमोचन किया गया है, उस पुस्तक को सरकार की स्तर से खरीदकर सभी प्राथमिक स्कूलों में वितरण किया जाएं, ताकि बच्चों को पढऩे को मौका मिले।

कार्यक्रम में अतिथियों ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद अतिथियों को कलाकार के हाथों से बनाये गये उपहार को दिया। कार्यक्रम गुड्डुा-गुडिय़ा पर केन्द्रित है। इस अवसर पर किलकारी के निदेशक ज्योति परिहार ने कहा कि कोरोना के कारण पिछले साल बाल दिवस नहीं मनाया गया। लेकिन, इस बार बाल-दिवस मनाया गया। किलकारी से जुड़े बच्चे सुबह से ही उत्साहित है। रंग-बिरंगे परिधानों में सज-सवॅर कर तैयार है। बच्चों मे खुशी की लहर दौड़ उठी है।

इसके बाद कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया। अमिताभ पांडेय द्वारा लिखित पुस्तक चांद के चक्कर में विमोचन किया गया। चित्रकार व लेखक सुमन कुमार द्वारा लिखित पुस्तक अब न अंगूठा छाप का लोकार्पण किया गया। इसके बाद किलकारी अपनी स्थापना के बाद हर साल बच्चों के लिए कई प्रकार के नवीन प्रयार करती आयी है। इन्हीं प्रयासों पर आधारित कैलेंडर 2022 का विमोचन किया गया। इस कैलेंडर में किलकारी में कैसे नामांकन होता है। किलकारी में काम कैसा होता है। इसके साथ ही किलकारी के बच्चों द्वारा उपलब्धि के बारे में छापा गया है।

कार्यक्रम के अंत में गुड्डा-गुडिय़ा के शादी की प्रस्तुति की गयी। पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी की गयी। बैड-बाजा के साथ बारात निकला। शादी में मरवा, मटकोरवा, हल्दी रस्म, जयमाला आदि हुआ। बैंड के धुन पर बाराती वाला जमकर ठुमके लगाये। इससे पहले की हल्दी रस्म एवं मटकोरवा के गानों पर किलकारी के बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत किये। इसके बाद बैंड-बाजा के साथ डांस किया।

कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टï कार्य करने वालों को विभिन्न सम्मान से सम्मानित हुए। जिनमें विज्ञान के क्षेत्र में अर्पित कुमार को डा.एसपी वर्मा सम्मान से सम्मानित हुए। जागरूक अभिभावक सम्मान से अर्पित के पिता उपेन्द्र कुमार एवं माता रीता कुमार को सम्मानित किया गया। श्रेया कुमार एवं हर्षराज को प्रियंतरा भारती बाल साहित्य सम्मान से सम्मानित हुए। सीताराम सर को किलकारी श्री सम्मान से सम्मानित किये गये। इसके अलावे किलकारी के बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिता में उत्कृष्टï कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक डा. रेखा कुमारी, राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री उपस्थित थे।