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प्रधान मंत्रीने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोरका किया शुभारंभ


मोदी ने दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के बीच कहा है कि आंदोलनों और प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, ये संपत्ति किसी सरकार या पार्टी की नहीं बल्कि आपकी हैं। इन संपत्ति को होने वाला नुकसान गरीब का नुकसान है। साथ ही उन्होने कहा है कि आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बन रहा है। भारत न केवल आधुनिक रेलगाडिय़ां बना रहा है, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आज 353 किलोमीटर लंबे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के खुर्जा-भाऊपुर सेक्शन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मौजूद ये सेक्शन करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई आंदोलनों और प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, ये संपत्ति किसी सरकार या पार्टी की नहीं बल्कि आपकी ही है। ऐसे में अगर किसी संपत्ति को नुकसान होता है, तो गरीब का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को स्पर्धा करनी है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी,स्पीड और स्केल पर चर्चा होनी चाहिए। इस सेक्शन के खुल जाने के बाद अब एक सप्ताह के भीतर करीब 100 मालगाडिय़ों को ट्रैक पर लाया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के प्रयागराज स्थित संचालन नियंत्रण केन्द्र का भी उदघाटन किया। यह इस माल गलियारे का नियंत्रण केन्द्र होगा। यह केन्द्र दुनिया में अपनी तरह की बृहद संरचनाओं में से एक है और आधुनिक निर्माण, दक्ष वास्तुकला तथा सर्वश्रेष्ठ ध्वनि व्यवस्था से युक्त है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले इस परियोजना के लिए जो पैसा भी स्वीकृत हुआ, वो सही तरीके खर्च नहीं हो पाया। 2014 में इस परियोजना के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया। केंद्र को राज्यों को जिस तत्परता से बात करनी थी, वो हुआ ही नहीं। नतीजा ये हुआ की काम अटक गया, लटक गया भटक गया। अधिकारियों को नये सिरे से आगे बढऩे के कहा गया, तो बजट करीब 45 गुना बढ़ गया। उन्होंने कहा कि भारत आधुनिक रेलगाडिय़ों को बनाने के साथ ही उनका निर्यात भी कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 5,000 से अधिक नए रेलवे कोच बनाए हैं और निर्यात भी उसी से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी के 45 माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा राज्य में 8 नए गुड्स शेड भी बनाए गए हैं। वहीं वाराणसी और गाजीपुर में 2 बड़े पेरिशेबल कार्गो सेंटर पहले ही किसानों को सेवा दें रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरू की गई है। किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है। अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में भी किसान रेल से अनेक स्टेशन जुड़ चुके हैं और इनमें लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के पास भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा। इन फ्रेट कॉरिडोर से किसान रेल को भी फायदा होगा। 100वीं किसान रेल अभी शुरू की गई है। इस फ्रेट कॉरिडोर के लॉन्च के साथ, किसान रेल तेजी से चलेगी। उन्होंने कहा कि ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे। उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर उपभोक्ता, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है। मोदी ने कहा कि मालगाडिय़ों के लिए बनी इस प्रकार की विशेष सुविधाओं से यात्री ट्रेनों की लेट-लतीफी कम होगी और मालगाड़ी की स्पीड भी तीन गुना ज्यादा हो जाएंगी। मालगाडिय़ां पहले से दो गुना ज्यादा सामान की ढुलाई भी कर पाएंगी। हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाडिय़ां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसे में मालगाडिय़ों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी। उन्होंने कहा कि हमने दो डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर शुरू करने की योजना बनाई है। पहला पंजाब के लुधियाना को पश्चिम बंगाल के दनकुनी से जोड़ेगा। दूसरा महाराष्ट्र में जेएनपीटी को उत्तर प्रदेश में दादरी से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नये सामथ्र्य का प्रतीक है। ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। इसमें मैजेनमेंट और डाटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है। इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस समर्पित माल गलियारे से नए रास्ते खुलेंगे। उत्तर प्रदेश में स्थित 351 किलोमीटर लंबे इस खंड के निर्माण पर पांच हजार 750 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस मालवाहक गलियारे के खुलने से मौजूदा कानपुर-दिल्ली लाइन पर भीड़-भाड़ कम होगी और रेलवे ज्यादा तेजी से रेलगाडियां चला सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नया गलियारा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका ज्यादातर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है और इससे विकास के लिए नया माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि पहले इस लाइन पर मालगाडियां 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी लेकिन अब इनकी गति कई गुना बढ़ जाएगी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में शामिल हुई। पूर्वी समर्पित माल गलियारे से राज्य के किसानों और उद्योगों को बहुत सहायता मिलेगी। इससे कानपुर देहात के एल्युमीनियम उद्योग, औरैया के डेयरी उद्योग, इटावा के कपड़ा उद्योग, फिरोजाबाद के कांच उद्योग और अलीगढ़ के ताले और धातु की वस्तुओं के कारोबार की नई संभावनायें उत्पन्न होंगी।