Post Views: 647 प्रणय कुमार आजादीका अमृत महोत्सव जन-जनकी चेतनाको स्वतंत्रताके संघर्षकी महान गाथाओं, उसकी पृष्ठभूमिमें व्याप्त मूल प्रेरणाओं, आकांक्षाओंसे जोडऩेका अनूठा एवं अनुपम महोत्सव है। हम उस ऐतिहासिक अवसर एवं कालखंडके साक्षी बनने जा रहे हैं, जहां ठहरकर हर भारतवासीको सिंहावलोकन करना चाहिए कि स्वतंत्रताके पीछेकी मूल भावना-प्रेरणा, आदर्श-आकांक्षा, ध्येय-स्वप्नको हम कितना एवं किस […]
Post Views: 981 ओशो उस परम सत्ता, उस ब्रह्मïको उस अविनाशीको ऋषिने ज्ञान कहा है। लेकिन जिस ज्ञानको हम जानते हैं, उस ज्ञानसे उसका कोई भी संबंध नहीं है। हम सदा किसी वस्तुके संबंधमें ज्ञानको उपलब्ध होते हैं, अकेला ज्ञान कभी नहीं होता। वृक्ष, मनुष्य, राहपर पड़े पत्थर, आकाशके सूर्यको जानते हैं, लेकिन जब भी […]
Post Views: 622 आर.के. सिन्हा कुछ दिन पहलेतक किसीने मुनव्वर फारुकीका नामतक नहीं सुना था। वह एक अदना-सा स्टैंडअप कॉमेडियन है। वह अब चित्रकार एम.एफ. हुसैनके नक्शेकदमपर चल पड़ा है। जैसे एम.एफ. हुसैनने हिन्दू-देवताओंके नग्न चित्र बनाकर हिन्दुओंकी धार्मिक भावनाओंको आहत किया था। फारुकी भी अब हिन्दू देवी-देवताओंपर तंज कस रहा है। उसे इंदौरमें गिरफ्तार […]