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फारूक अब्दुल्ला ने गाया भजन, राम मंदिर के खिलाफ केस लड़ने वाले कपिल सिब्बल भी हुए राममय


नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का पूरा देश इंतजार कर रहा है। इस बीच  राम मंदिर को लेकर देश में राजनीति भी चरम पर पहुंच गई है।

आज राम मंदिर को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला के बीच बातचीत का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

Ram Mandir पर कपिल और फारूक

वीडियो को ‘Dil se with Kapil Sibal’ यूट्यूब चैनल पर शेयर किया गया है। दोनों नेता इस बातचीत के दौरान देश के तमाम मुद्दों पर बात करते हैं। वहीं, दोनों ने राम मंदिर के साथ भगवान राम के जीवन पर भी बात की।

‘लोगों में भेदभाव नहीं करते राम’

दरअसल, सांसद कपिल सिब्बल ने साक्षात्कार में जब फारूक से पूछा कि क्या आप भी भगवान राम को मानते हैं तो उन्होंने कहा कि वो भगवान के साथ उनके आदर्शों को भी मानते हैं।

पाकिस्तान के मौलाना की किताब की सुनाई कहानी

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक ने इस दौरान पाकिस्तान के मौलाना की भी कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एक मौलाना ने कुरान की तर्ज पर कई किताबें लिखी थीं। फारूक ने कहा कि उनमें दो शख्सियतों का ही जिक्र था, जिनमें भगवान राम और दूसरे गौतम बुद्ध थे।

उन्होंने कहा कि दोनों ने राजा का पद छोड़कर सबके साथ इंसाफ की बात की और सभी को सच्चाई का रास्ता दिखाया।

भाजपा पर बोला हमला

साक्षात्कार के दौरान कपिल सिब्बल और फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि ये लोग राम की बात तो करते हैं, लेकिन उनके आदर्शों पर नहीं चलते हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा कि भगवान तो सभी के होते हैं और हम भगवान राम को मानते भी हैं और उनके आदर्शों पर चलने को भी तैयार हैं।

 

जब फारूक अब्दुल्ला ने गाया भजन

कपिल सिब्बल जब अपने साक्षात्कार को खत्म कर रहे थे, तो उन्होंने फारूक से कहा कि आप बहुत अच्छा भजन गाते हैं, कुछ सुनाइए। इसके बाद एनसी नेता ने ‘मेरे राम, मेरे राम…किस गली गयो मेरे राम,.किस गली गयो मेरे राम…आंगन मेरा सूना सूना’ भजन गाकर सुनाया।

राम मंदिर के खिलाफ लड़ा था केस

बता दें कि कपिल सिब्बल ने राम मंदिर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए केस लड़ा था। कपिल सिब्बल उन वकीलों में भी शामिल थे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर राम को काल्पनिक बताया था।