पटना

फुलवारी शरीफ: सुधा में लैब हेल्पर मजदूर युवक की मौत, परिजनो में कोहराम


      • सर में दर्द होने पर आराम करने गए पप्पू की सोए अवस्था मे मौत जांच का विषय- एक्टू
      • पत्नी को नौकरी व दस लाख मुआवजे की मांग
      • बगैर पोस्टमार्टम कराये शव दाह संस्कार के लिये परीजनो को सौंपा

फुलवारी शरीफ। सुधा डेयरी काम करने वाले 32 वर्षीय लेबोरेटरी हेल्पर मजदूर पप्पू कुमार की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई। पप्पू की मौत की खबर से सुधा डेयरी में हड़कम्प मच गया वहीं उसके परिजनों में चीत्कार मचा हुआ है। परीजन अचानक पप्पू की मौत से अचंभित और कोरोना को लेकर भयभीत हो गए। उसके शव को बगैर पोस्टमार्टम कराये ही परीजनो को दाह संस्कार के लिए सौंप दिया गया। मृतक पप्पू कुमार रूपसपुर निवासी शत्रुध्न रविदास का छोटा बेटा था।

वहीँ उसकी अचानक मौत से माँ सुशीला देवी, पत्नी सुजान्ति देवी, बड़ा भाई शैलेंद्र सहित दो छोटे बच्चों 5 साल का गोलू और 4 साल के तन्नू का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। मृतक के पिता शत्रुघ्न रविदास भी सुधा डेयरी के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। वही  एक्टू नेता रणविजय ने मृतक के परिवार को दस लाख मुआवजा औऱ पत्नी को नौकरी देने के साथ ही मौत की जांच कराने, आनन फानन शव को बगैर पोस्टमार्टम कराये परीजनो को सौंप देने पर भी सवाल उठाया है।

परिवार के मुताबिक पप्पू को चार दिन पहले ही सर में दर्द हुआ था। उसके बाद शुक्रवार को रात्रि में ड्यूटी करने गया तब बिलकुल स्वस्थ्य था। सुधा के कर्मियो ने परिवार वालों को बताया है कि रात में अचानक पप्पू ने सर दर्द होने पर आराम करने की बात कहकर सोने चला गया। उसके बाद सुबह जब उसे जगाया गया तो वह मृत पाया गया। इसके बाद उसे पीएमसीएच ले जाया गया जहां डॉक्टर से मृत घोषित कर शव ले जाने को कह दिए।

जनकारी के अनुसार पप्पू सुधा डेयरी के ठीकेदार सत्येंद्र के अंदर कामगार मजदूर था जो लैब में हेल्पर के रूप में काम करता था। ठेकेदार सत्येंद्र ने बताया कि पीएमसीएच में उसका पोस्टमार्टम नहीं किया गया और कहा गया कि जबतक उसका आरटीपीसीआर रिपोर्ट नही रहेगा पोस्टमार्टम नही होगा। वहीं मृतक के पिता सेवानिवृत्त सुधा डेयरी कर्मी शत्रुध्न रविदास ने कहा कि उन्हें नही समझ मे आ रहा है कि उनके बेटे की अचानक मौत कैसे हुई। कोरोना से मौत हो गयी या नही यह भी स्पष्ट नही हो पाया। मृतक के पिता ने सुधा डेयरी से दस हजार तत्काल मदद मिलने और बाद में अन्य सहायता दिलाने के आश्वासन मिलने की बात कही है। उधर मजदूर यूनियन एक्टू नेता रणविजय ने पूरे घटनाक्रम की जांच कराने, पत्नी को सुधा में नौकरी देने और दस लाख मुआवजा देने की मांग की है ।

सुरक्षा किट मजदूरों को तुरन्त उपलब्ध नही कराया गया तो दूध सप्लाई बंद करने की चेतावनी

फुलवारी शरीफ। ऐक्टू नेता रणविजय ने कहा कि कोरोना का यह दूसरा विस्फोटक लहर कहर बन टूटा है और सर्वाधिक मौत ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर व इलाज के अभाव में हो रहा है,ऎसी जानलेवा परस्थिति में सुधा दूध सप्लाई कार्य मे लगे युवा चालक व उप चालकों द्वारा बार-बार मांग किए जाने के वाबजूद बिना सुरक्षा किट के दूध सप्लाई कार्य कराए जाने का गम्भीर आरोप सुधा डेयरी प्रबन्धन पर लगाया है।

सुधा डेयरी मजदूर यूनियन अध्यक्ष व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने डेयरी प्रबन्धन को ईमेल व व्हाट्सअप माध्यम से पत्र भेजकर दूध सप्लाई कार्य मे लगे चालक व उप चालकों को कोरोना सुरक्षा किट खासकर अच्छे क़्वालिटी का एन-95 मास्क,हैंड सेनेटाइजर, हैंड्स ग्लब्स, प्रतिदिन विभिन्न तरह का मल्टीविटामिन दवाई उपलब्ध कराने अन्यथा दूध सप्लाई ठप करने की चेतावनी दिया है।