त्रिपुरा ने तमस के स्टेट प्रेजिडेंट, आसिष लाल सिंघा ने बताया की “हमने यह गीत इसलिए बनाया है क्योंकि यह त्रिपुरा के लोगों को छूता है. कमलिका चक्रवर्ती की भाषा में समझना बहुत आसान है.
अगरतलाः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत से गदगद टीएमसी की अब नज़र त्रिपुरा में हैं. टीएमसी ने जिस खेला होबे गाने के तर्ज पर विधानसभा चुनाव लाड़ी वही खेला होबे गाना अब त्रिपुरा में भी रिलीज किया है. यहां इस गाने को नाम है ‘खेला होबे त्रिपुराय’ जिसका अर्थ हैं त्रिपुरा में खेला होगा.
दरअसल, बंगाल जीत के बाद ममता बनर्जी अब राष्ट्रीय राजनीति में आगे बढ़ना चाहती हैं और टीएमसी ने इस बात को साफ भी कर दिया है. कुछ दिन पहले अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि टीएमसी अब राष्ट्रीय राजनीति में पूरी तैयारी के साथ उतर रही है और राष्ट्रीय राजनीति में किसी सीट को जीतना उनका लक्ष्य नहीं है बल्कि प्रदेश को जीतना उनका लक्ष्य है. कैसे आगे बढ़ना है इसके लिए 1 महीने में ब्लू प्रिंट भी तैयार हो जायगी.
गाने के बोल कुछ इस प्रकार है, “कोईता से त्रिपुरा ममता दी आइटा” – इसका मतलब है कि त्रिपुरा के लोग कह रहे हैं कि हमारी प्यारी नेता हमारी सुप्रीमो ममता दीदी त्रिपुरा आ रही हैं. त्रिपुरा के लोगों में काफी समय से यही उम्मीदें हैं. हम सिर्फ माहौल बना रहे हैं और कुछ ही समय में हमारे प्रिय महासचिव अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा का दौरा करेंगे. वह अपने आप सब कुछ देख लेंगे और उसके बाद, हमें पूरा यकीन है कि ममता दीदी भी आएंगी.”
इस योजना में सबसे पहला अभियान त्रिपुरा है. जहां ‘खेला होबे’ गाने से टीएमसी ने राजनीतिक गतिविधियां शुरू तेज़ हो गयी हैं. बंगाल में राजनीतिक चर्चा है कि मुकुल रॉय को त्रिपुरा अभियान की जिम्मेदारी फिर से सौंपी जा सकती है. इससे पहले भी मुकुल रॉय टीएमसी के लिए त्रिपुरा में टीएमसी को बढ़ाने में लगे थे. यह भी चर्चा है कि मुकुल रॉय त्रिपुरा में बीजेपी के विधायक सुदीप रॉय बर्मन से संवाद कर रहे हैं.
सुदीप रॉय बर्मन बीजेपी में आने से पहले टीएमसी में थे और उससे पहले कांग्रेस में थे. त्रिपुरा में टीएमसी को आगे बढ़ाने में सुदीप रॉय बर्मन का बड़ा योगदान रहा. लेकिन सुदीप के टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद से ही त्रिपुरा में टीएमसी का अस्तित्व खत्म सा हो गया था.
सुदीप रॉय बर्मन का मुख्यमंत्री विप्लव देव से मतभेद रहा है. हाल ही में सुदीप रॉय बर्मन ने 11 विधायकों के साथ मिलकर एक फेसबुक पेज शुरू किया है जिसका नाम दिया गया है ‘बोंधुर नाम सुदीप’ यानी दोस्त का नाम सुदीप. इस पेज और योजना के जरिए सुदीप गरीबों में कोविड के मद्देनजर भोजन पहुंचा रहे हैं.