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बंगाल जो आज सोचता है, भारत वह कल सोचता है-ममता


पैदल मार्च, शंखनाद, वंदे मातरम
कोलकाता (आससे.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी आज पूरे रंग में दिखीं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगाल की राजधानी कोलकाता में उन्होंने न सिर्फ पैदल मार्च किया, बल्कि मंच से जमकर नारे लगाए। ममताने आज कोलकाता में रैली के दौरान कहा कि बंगाल जो आज सोचता है, भारत वह कल सोचता है। इससे पहले उन्होंने शंखनाद कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हल्ला-बोल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता की सड़कों पर पैदल मार्च कर अपने मंसूबे साफ कर दिया। इस दौरान उन्होंने शक्ति प्रदर्शन कर विरोधियों को साफ संदेश दे दिया है। ममता बनर्जी की आज की रैली थोड़ी सी अलग दिखी। हालांकि वह पैदल मार्च इससे पहले भी करती आई हैं, लेकिन शंखनाद और मंच से नारेबाजी ऐसी बाते शायद ही अक्सर दिखते हों। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से नारे भी लगवाए।ममता बनर्जी ने मंच से जय हिंद, वंदे मातरम्, सुभाष बोस जिंदाबाद, गांधीवाद-सुभाषवाद, जय बांग्ला, इश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबके सम्मति दे भगवान जैसे नारे लगवाए। ममता बनर्जी की यह रैली आज इस मायने में खास थी कि आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोलकाता दौरे पर रहेंगे। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बंगाल दौरा होने वाला है, जिन्होंने अपने पिछले कार्यक्रम में शुभेंदु अधिकारी के हाथों में भगवा थमाया था।ममता बनर्जी की मांग- कोलकाता सहित देश की हो 4 राजधानीरैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, एक समय कोलकाता देश की राजधानी थी, तो एक बार फिर से शहर को भारत की दूसरी राजधानी के रूप में घोषित नहीं किया जाना चाहिए? कोलकाता को देश की दूसरी राजधानी बनानी ही होगी। ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसदों का यह मुद्दा संसद में उठाने का निर्देश देते हुए कहा, आखिर एक राजधानी क्यों होनी चाहिए। देश के हर कोने में एक राजधानी होनी चाहिए और कुल चार राजधानी हों। संसद का सत्र सभी राजधानी में आयोजित किया जाए।
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मंचपर ‘जय श्री रामÓ के नारे, ममताने छोड़ा कार्यक्रम
कोलकाता (आससे.)। विक्टोरिया मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी एक बार फिर सामने आयी है। कार्यक्रम में जय श्रीराम के नारे लगने से नाराज ममता बनर्जी ने आगे बोलने से इनकार कर दिया। ममता ने बमुश्किल एक मिनट का भाषण दिया और मंच से नीचे उतर गयीं। दरअसल जब ममता बनर्जी अपने संबोधन के लिए मंच पर चढ़ रही थीं, उसी दौरान नीचे खड़े लोगों ने ‘जय श्रीरामÓ और ‘भारत माता की जयÓ की नारेबाजी शुरू कर दी। मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती को केंद्र सरकार पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। नाराज ममता बनर्जी ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया है। किसी का अपमान करना ठीक नहीं है। ममता ने कहा- ‘सरकार के कार्यक्रम की गरिमा होनी चाहिए। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। आपको किसी को आमंत्रित करने के बाद उसकी बेइज्?जती करना शोभा नहीं देता है। विरोध के रूप में मैं कुछ भी नहीं बोलूंगीं।’ इसके बाद ‘जय हिंद-जय बांग्ला’ बोलकर तुरंत मंच से नीचे उतर गईं। इससे पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का आभार भी जताया।