पटना

बलात्कार के आरोपी को 25 साल की कठोर कारावास की सजा


      • एफएसल और डीएनए टेस्ट जैसे तकनीकी साक्ष्य के आधार पर दी गयी सजा
      • पीड़िता न्यायालय में आरोपी को देखकर बोली थी मेरे साथ किया गलत काम बाद में मुकरी

बिहारशरीफ (आससे)। बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के विशेष न्यायाधीश एडीजे-6 आशुतोष कुमार ने एफएसएल रिपोर्ट एवं डीएनए टेस्ट के आधार पर दुष्कर्म के आरोपी को पिछले दिनों दोषी पाया था, जिसमें सजा आज मुकर्रर की गयी। आरोपी को 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गयी। साथ हीं 10 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर छः माह का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।

न्यायालय ने गवाही के दौरान पीड़िता पहले तो घटना तथा आरोपित को पहचानने से इंकार किया। लेकिन जब वह न्यायालय में खड़े आरोपित को देखा तो गुस्से में विचलित होते हुए ना सिर्फ आरोपित को पहचाना बल्कि गलत काम करने की बात बतायी। यह जानकारी विशेष पीपी जगत नारायण सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने जब आरोपित को पीड़िता की नजरों से हटा दिया तो वह घटना से इंकार कर गयी। कोर्ट ने नाबालिग की इस मनोस्थिति के आधार पर आरोपित को मामले में दोषी पाया।

इस मामले में आठ गवाहों ने अपनी गवाही दी थी। घटना 05 नवंबर 2019 की है। शाम को पीड़िता घर के बाहर खेत में शौच के लिए गयी थी। इसी दौरान आरोपी उसे पकड़ लिया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया, जिसकी सूचना पीड़िता द्वारा परिजनों को दी गयी। महिला थाना में 06 नवंबर को मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने सैंपल को एफएसएल में जाकर जांच करायी जहां दोनों का ब्लड सैंपल एवं अन्य जांच में रेप की पुष्टि हुई।