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बाबा बालकनाथ ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, क्या होंगे राजस्थान के अगले सीएम?


रेवाड़ी। चार दशक बाद तिजारा में क्या इतिहास दोहराया जाएगा। महंत बालकनाथ (Mahant Baba Balaknath) राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। अगर महंत बालकनाथ मुख्यमंत्री (Mahant Balaknath Chief Minister) बनते हैं तो चार दशक पुराना इतिहास फिर से दोहराया जाएगा।

तिजारा विधानसभा क्षेत्र (Tijara Assembly Constituency) से चार दशक पहले विजयी बरकतुल्लाह खां (Barkatullah Khan) 1972 में राजस्थान (Rajasthan News) के मुख्यमंत्री बनाए गए थे जबकि यहां से जीते कई विधायक मंत्री पद को सुशोभित कर चुके हैं।

 

बालकनाथ बने CM तो हरियाणा की राजनीति पर पड़ेगा असर

बरकतुल्लाह खां के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही तिजारा के विकास को पंख लगे थे और आज तिजारा विधानसभा क्षेत्र का कस्बा भिवाड़ी देश-दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर अलग पहचान बनाए हुए हैं।

क्षेत्र की जनता व आसपास की अहीरवाल वेल्ट में सिर्फ एक ही चर्चा है और वह बालकनाथ को सीएम बनाने को लेकर। बालकनाथ मुख्यमंत्री बने तो इसका प्रभाव हरियाणा (Haryana News) पर भी पढ़ेगा और भाजपा (Haryana BJP) जनाधार बढ़ेगा।

चार दशक बाद तिजारा का इतिहास होगा रिपीट?

इंटरनेट मीडिया पर बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उधर, यहां के लोगों की चाहत है कि बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, जिससे तिजारा का सर्वांगीण विकास हो सके। उन्हें उम्मीद है कि चार दशक बाद तिजारा पुनः राजस्थान का सितारा बन सकता है।

बाबा बालकनाथ यादव समाज से आते हैं और पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर पिछड़े वर्ग का कार्ड (OBC Voters) खेल सकती है। बाबा के चुनाव से पहले और इंटरनेट मीडिया पर वायरल कई वीडियो उनकी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि (staunch Hindutva image) को उजागर कर रहे हैं।

इस कारण वह युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं और लोग उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की तरह फायर ब्रांड नेता के तौर पर देख रहे हैं।

राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बने थे बरकतुल्लाह खां

तिजारा विधानसभा क्षेत्र से 1972 में बरकतुल्लाह खां विधायक चुन प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ज्यादा लम्बा नहीं रह सका और वर्ष 1973 में आकस्मिक निधन हो गया। मुख्यमंत्री का उनका कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो, लेकिन भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की नींव रखी, जिस कारण अलवर जिले (Alwar News) की प्रदेश ही देश-विदेश के उद्योग जगत में पहचान कायम हो पाई।

 

जोधपुर-भिवाड़ी में हुए थे विकास के काम

आज जोधपुर (Jodhpur News) में सुई से लेकर जहाज के पार्ट्स भी बन रहे हैं और छह हजार से अधिक उद्योग भिवाड़ी (Bhiwadi) व आसपास के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित हैं, जिसमें लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खां के पिता जोधपुर स्टेट के प्राइम मिनिस्टर थे, इनकी शिक्षा जोधपुर में हुई, इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) से लॉ की पढ़ाई की। वे प्रथम अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री बने। उनकी सभी समाजों में अच्छी पैठ थी।

 

पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खां (Former Chief Minister Barkatullah Khan) के नाम पर वर्तमान में जोधपुर में पाल रोड पर रावण का चबूतरा के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है।