पटना

बिहारशरीफ: अधिसूचना निर्गत से परिणाम घोषणा तक लागू रहेगी आदर्श आचार संहिता


नुक्कड़ सभा में आरओ से लेना होगा अनुमति, एसडीओ से लेना होगा लाउडस्पीकर का प्रमाण पत्र और थाना को देनी होगी सूचना

      • जुलूस निकालने के लिए उद्गम, रूट, समय, समाप्ति आदि की सूचना करनी होगी वर्णित
      • नामांकन में सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और हैंड सेनिटाइजर रखना होगा आवश्यक
      • चुनाव प्रचार में किसी दल का झंडा और नाम लेना आचार संहिता का माना जायेगा उल्लंघन

बिहारशरीफ (आससे)। बिहार पंचायत निर्वाचन 2021 को लेकर आदर्श आचार संहिता पंचायत निर्वाचन के अधिसूचना निर्गत की तिथि से जिलेा के अंतिम चरण के विधिवत रूप से परिणाम घोषणा तक जिला के पंचायत निकाय क्षेत्रों में लागू रहेगा। इस दौरान धर्म-संप्रदाय, जाति की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना है। धार्मिक, जातीय, भाषायी, भावनाओं का सहारा नहीं लेना है। उपासना स्थल का प्रयोग चुनाव प्रचार हेतु नहीं होना है। किसी के व्यक्तिगत जीवन की आलोचना नहीं की जानी है। आलोचना उसकी नीति और कार्य तक सीमित रहेगा। मतदान समाप्ति हेतु निर्धारित समय से 48 घंटा पूर्व कोई प्रचार नहीं होगा।

बिहार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत बिहार पंचायत निर्वाचन आदर्श आचार संहिता में यह निहित किया गया है। इसके साथ हीं अभ्यर्थियों को कोई ऐसा कार्य ना करने को कहा गया है जो पंचायती राज अधिनियम 2006 अंतर्गत अपराध हो। यथा-पोस्टर, इश्तेहार, पंपलेट आदि पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम होना चाहिए। किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत आकलन और चरित्र संबधित समाचार का प्रकाशन जो मिथ्या हो आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। चुनाव सभा में गड़बड़ी करना भी आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आयेगी।

राज्य निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी अभ्यर्थी या उसके लोग मतदाता को रिश्वत और पारितोषिक नहीं देगा। मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंदर प्रचार नहीं करेगा। मतदाता को बूथ पर ले जाने के लिए वाहन का प्रयोग नहीं करेगा। मतदान केंद्र में या आसपास विच्छृंकल आचरण नहीं करेगा तथा मतदाता का प्रतिरूपण आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। गैर कानूनी शराब का वितरण और क्रय दोनों ही अवैध होगा और आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आयेगा।

किसी के निजी संपत्ति यथा भवन भूमि, दीवार का उपयोग झंडा टांगने, पोस्टर चिपकाने या नारा लिखने सहित चुनाव कार्य में नहीं कर सकेंगे। सार्वजनिक संपत्ति का उपयोग सर्वथा वर्जित है। अभ्यर्थी अपने आवास, कार्यालय, प्रचार वाहन पर हीं बैनर और झंडा का उपयोग कर सकते है अन्यथा यह आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आयेगा।

निर्वाची पदाधिकारी को जानकारी देकर हीं प्रचार कार्यालय खोला जा सकता है। निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मी के साथ पूर्ण सहयोग करना होगा। किसी राजनैतिक दल का नाम या झंडे के आड़ में चुनाव प्रचार करना  अवैध माना जायेगा जो आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आयेगा। डाकबंगला और परिसदन का उपयोग भी चुनाव कार्य हेतु नहीं कर सकेंगे।

सभा- सक्षम पदाधिकारी यानी निर्वाची पदाधिकारी से अनुमति लेकर ही सभा कर सकेंगे। स्थानीय पुलिस को सूचना देनी होगी ताकि विधि व्यवस्था और यातायात व्यवस्था प्रभावी ना हो। लाउडस्पीकर का प्रयोग सुबह 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। एसडीओ के बिना अनुमति के इसके प्रयोग पर असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर या इससे उपर का कोई भी पुलिस अधिकारी इसे जब्त कर सकता है। किसी व्यक्ति द्वारा विघ्न डालने पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी को सहायता प्राप्त करना होगा। इसके साथ हीं कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

नुक्कड़ सभा- बगैर निर्वाची पदाधिकारी के अनुमति के नुक्कड़ सभा नहीं की जा सकेगी। सूचना निर्वाची पदाधिकारी के साथ स्थानीय थाना पुलिस को भी देनी होगी और इसमें प्रयुक्त लाउडस्पीकर की अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी से लेनी होगी और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा।

जुलूस- इसकी अनुमति निर्वाची पदाधिकारी देंगे, जिसमें जुलूस का उद्गम, रूट, समय, समाप्ति की अवधि वर्णित करनी होगी। निर्वाची पदाधिकारी के साथ स्थानीय थाना को भी इसकी सूचना देनी होगी। अनुमति प्राप्त होने के बाद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही जुलूस निकल सकेगा, जिसमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जुलूस के कारण यातायात बाधित नहीं हो। उस क्षेत्र में या मार्ग में जुलूस नहीं निकलेगा जिधर प्रशासन द्वारा निषेधाज्ञा लागू किया गया होगा। एक समय पर एक मार्ग पर एक से अधिक अभ्यर्थी के जुलूस निकालने की स्थिति में आपस में समन्वय कर अलग-अलग व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। जुलूस के साथ प्रतिबंधित चीजें यथा-लाठी, हथियार लेकर चलना प्रतिबंधित होगा और कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा।

नाम निर्देशन- इस दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा। यानी सोशल डिस्टेंसिंग, फेसमास्क और हैंड सेनिटाइजर रखना होगा। निर्वाची पदाधिकारी/सहायक निर्वाची पदाधिकारी इसे सुनिश्चित करेंगे। उल्लंघन की दशा में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 तथा आइपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जायेगी।

मतदान के दिन- मतदान केंद्र पर कोई व्यवधान नहीं करना होगा। सभी कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देना होगा। पहचान पर्ची सादा कागज पर जिसपर केवल निर्वाचक का विवरण हो हीं दिया जा सकेगा। बूथ के 100 मीटर के अंदर ना कोई प्रचार होगा, ना कोई झंडा होगा और ना हीं कोई तनाव अनुमान्य होगा। प्रत्याशी की शिविर में कोई पोस्टर, प्रचार सामग्री नहीं होगी। साथ हीं खाद्य पदार्थ की व्यवस्था नहीं करनी होगी। सक्षम पदाधिकारी से परमिट प्राप्त करने के बाद हीं वाहन का प्रयोग किया जा सकेगा।