पटना

बिहारशरीफ: आदेश के बावजूद खोल रखे शैक्षणिक संस्थानों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कराया बंद


      • विरोध करने वाले दो कोचिंग कर्मी को लिया गया हिरासत में
      • डीईओ ने कहा नियम के विरुद्ध खोले गये संस्थान तो बिहार एपिडेमिक एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

बिहारशरीफ (आससे)। सरकार के आदेश के बावजूद शहर में चल रहे शैक्षणिक संस्थानों को बंद कराने के लिए शिक्षा विभाग एवं पुलिस महकमा सड़क पर उतरी। विभिन्न कोचिंग एवं शैक्षणिक संस्थानों में जाकर उसके संचालक के साथ हीं छात्र-छात्रओं को कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के प्रसार के बारे में बताते हुए लोगों को कहा  कि सोशल डिस्टेंसिंग हीं इससे बचाव का एकमात्र रास्ता है। ऐसे में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करने में आपलोगों का सहयोग अपेक्षित है। हालांकि इतना समझाने के बावजूद कुछेक कोचिंग संचालक ने इसपर विरोध जताया, जिसे शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए ऐसे दो संचालकों को डिटेन किया है।

हिंदी दैनिक आज ने बीते कल ही यह खबर प्रकाशित की थी कि सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों को बंद किये जाने के आदेश के बावजूद धड़ल्ले से शहर में कोचिंग और शैक्षणिक संस्थान चालू है। जिला पदाधिकारी ने ऐसे मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी थी। आनन-फानन में जिला शिक्षा पदाधिकारी संबंधित थाना पुलिस के साथ शहर के देकुली घाट, भैंसासुर, प्रोफेसर कॉलोनी, धनेश्वरघाट, कमरूद्दीनगंज, गढ़पर आदि इलाकों में खुले हुए कोचिंग संस्थानों में पहुंची और कोचिंग संस्थानों को बंद कराया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि अगर 11 अप्रैल तक सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत शैक्षणिक संस्थान बंद रखना है। ऐसे में किसी भी हाल में शैक्षणिक संस्थान नहीं खुलना चाहिए अन्यथा जो भी इसका उल्लंघन करेंगे उसके विरुद्ध सख्ती से उनसे निपटा जायेगा और जरूरत पड़ी तो गिरफ़्तारी भी की जायेगी।

आज चल रही कार्रवाई का शहर के दो कोचिंग संचालक ने विरोध किया और इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को डिटेन कर अपने साथ ले गयी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि आगामी कल भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी और किसी भी हाल में नियम के विरुद्ध कोई भी शैक्षणिक संस्थान खुलने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रचार-प्रसार रोकने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना है और इसका उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध बिहार ऐपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी।