पटना

बिहारशरीफ: एनएच-20 के फोरलेनिंग को लेकर नवादा-बिहारशरीफ के बीच लग रहा है भीषण जाम


      • रविवार को वारिसलीगंज मोड़ से रैतर तक घंटों रही सड़क जाम
      • निर्माण एजेंसी की लापरवाही और गलत नीतियों के कारण सड़क से गुजरने वाले वाहन को हो रही है परेशानी

बिहारशरीफ (आससे)। झारखंड को बिहारशरीफ से जोड़ने वाली प्रमुख मार्ग एनएच-20 जिसे झारखंड-बिहार का लाइफलाइन भी कहा जाता है का फोरलेनिंग का काम शुरू हो चुका है। कार्यान्वयन एजेंसी युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दी है। लेकिन व्यवस्था के अभाव में निर्माण कार्य इन दिनों पथ पर परिवहन संचालन के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। पिछले चार दिनों से एनएच 20 का बिहारशरीफ से नवादा के बीच का हिस्सा आये दिन जाम रह रहा है। रविवार को तो यह सड़क पूरी तरह जाम रही। गिरियक से लेकर वारिसलीगंज मोड़ तक सड़क बिल्कुल पैक थी। स्थिति यह हो गयी कि चौपहिया तो छोड़ दें दो पहिया वाहन को भी रेंगने तक की जगह नहीं मिल रही थी।

एनएच 20 के फोरलेनिंग का मामला वर्षों से अटका पड़ा था। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस फोरलेनिंग सड़क के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। झारखंड के कोडरमा बॉर्डर से शुरू होकर पटना के बख्तियारपुर तक इस एनएच के फोरलेनिंग कार्य का तीन पैकेज में निविदा हुआ। पहला पैकेज जो सबसे शॉर्ट दूरी की है और इस हिस्से में पहाड़ और जंगल है को छोड़कर अन्य दो पैकेजों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। निर्माण को लेकर सड़क पर यातायात बाधित होना सामान्य बात है लेकिन जिस तरह से इस सड़क का निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है उससे सड़क जाम रहना आम बात हो गयी है। स्थिति यह है कि समय रहते इसपर काम नहीं हुआ तो आये दिन दुर्घटनाएं भी हो सकती है।

नवादा से बिहारशरीफ के बीच के हिस्से में काम शुरू हुआ है, जिसमें नवादा-गिरियक के बीच निर्माण कार्य जोर पकड़ा है। निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क के दोनों किनारे के हंटरों को गड्ढा खोद दिया गया है, जिसमें सड़क फ्लैन्क भी कटा है। स्थिति यह है कि दो लेन वाली यह सड़क और संकीर्ण हो गयी है। इतना ही नहीं बरसात के दिनों में अब पक्की सड़क से वाहनों को नीचे उतरना मुश्किल हो गया है क्योंकि अब भय बना रहता है कि गाड़ी का पहिया कच्ची सड़क पर गिरा तो किनारे का हिस्सा कटा होने के कारण वाहन पलटी खा सकती है।

ऐसे में कालीकरण हिस्से वाली सड़क से ही वाहन को गुजरना होता है और इस बीच ओवरटेकिंग का भी मामला होते रहता है। इसके अलावे कई स्थानों पर फ्लाई ओवर बनाने के लिए ब्रिज निर्माण का काम भी शुरू किया गया है, जिसके चलते निर्माण एजेंसी का बड़ा-बड़ा मशीन पक्की सड़क पर खड़ा होकर काम करता है और ऐसे में वाहनों को दोनों ओर से रूक कर इंतजार करना पड़ता है और कुछ ही देर में सड़क जाम हो जाती है। इसके बाद वाहनों का गुजरना मुश्किल हो जा रहा है।

रविवार को भी यही स्थिति रही। हालात यह हुआ कि यह एनएच कई घंटे तक जाम रहा, लेकिन ना तो नवादा पुलिस देखने पहुंची और ना ही गिरियक थाना पुलिस। निर्माण एजेंसी को अपनी मशीन के जरिये पिलर आदि खड़ा करने के लिए वैकल्पिक उपाय करना होगा और ऐसे स्थानों पर पुलिस के जवान या फिर निर्माण एजेंसी द्वारा गार्ड आदि की व्यवस्था करनी होगी ताकि लेफ्ट और राइट की वाहन अपने-अपने निर्धारित मार्ग से गुजरे।

इसके साथ ही जब कार्य चल रहा हो तो दोनों ओर की वाहनों को प्रॉपर वे में रोका जाना चाहिए अन्यथा पूरे बरसात की अवधि में शायद यह सड़क जाम से मुक्त नहीं हो पायेगी। रविवार को वारिसलीगंज मोड़ पर पिलर खड़ा करने को लेकर वाहन रोका। इसके कारण नवादा की ओर तो जाम लगा ही नालंदा की ओर गिरियक से उत्तर लगभग-लगभग रैतर से आगे तक सड़क जाम रही। घंटों लोग जाम में फंसे रहे।